भोपाल। एबीवीपी से लेकर दुर्गा वाहिनी तक की महिला नेता एवं मालेगांव बम ब्लास्ट के आरोपियों में से एक प्रज्ञा सिंह ठाकुर (PRAGYA SINGH THAKUR) को भाजपा ने टिकट दिया है। गुरूवार को प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी कहानियां (STORY OF PRAGYA SINGH THAKUR) सुनाईं तो प्रज्ञा सिंह से जुड़ी दूसरी कहानियां भी सुर्ख होने लगीं। लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रज्ञा सिंह को जेल से रिहा क्यों किया गया, कोर्ट ने जमानत क्यों दी (WHAT IS THE BASE OF PRAGYA SINGH THAKUR BAIL)। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट में प्रज्ञा सिंह ने बताया था कि उन्हे कैंसर है, वो बेहद बीमार हैं। कोर्ट ने उन्हे इलाज कराने के लिए जमानत दी थी। अब वो चुनाव लड़ रहीं हैं। प्रश्न यह भी है कि क्या अब वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत क्यों मिली थी
प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट की मुख्य आरोपियों में से एक थीं। मकोका के आरोपों से प्रज्ञा सिंह को बरी कर दिया गया था, लेकिन इससे जुड़़ा मामला अभी भी विचाराधीन है। जिसकी सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रही है। इस दौरान चौंकाने वाली बात जो सामने आई है वह ये है कि साध्वी प्रज्ञा ने अदालत में अपने इलाज के लिए जमानत की मांग की थी और स्वास्थ्य कारणों के चलते 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दी गई थी। जमानती आदेश के अनुसार प्रज्ञा ठाकुर ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही थीं और वह चलने में भी असमर्थ थीं। इसी आधार पर उन्हे जमानत मिली थी, ताकि वो अपना इलाज करा सकें और स्वास्थ्य लाभ ले सकें।
क्या लिखा है जमानत के आदेश में
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर उब्दुल्ला ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के चलते वे चलने में भी असमर्थ थीं और इसी बात पर जमानत ली थी लेकिन अब वे चुनाव लड़ रही हैं, ऐसा कैसे? बॉम्बे हाईकोर्ट के बेल ऑर्डर के अनुसार आरोपी की तरफ से दिया गया मेडिकल सर्टिफिकेट यह बताता है कि वह ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं और बिना सहारे के चलने में भी असमर्थ हैं। उनका इलाज आयुर्वेदिक अस्पताल में किया जा रहा है लेकिन कोर्ट का यह मानना हैं कि वहां उनका पूरी तरह से इलाज नहीं हो सकेगा। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि इस आधार पर प्रज्ञा सिंह को जमानत दी जा सकती है। इसके लिए उन्हें 5 लाख रुपये का बेल बॉन्ड भरना होगा।