नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से भाजपा प्रत्याशी PRAGYA SINGH THAKUR ने 26/11 आतंकवादी हमले में शहीद हुए आईपीएफ अफसर हेमंत करकरे को देशद्रोही बताया और कहा कि मेरे श्राप के कारण उनकी आतंकवादी हमले में मौत हुई। प्रज्ञा सिंह ठाकुर के इस बयान ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाले सैन्य अफसरों को भी नाराज कर दिया है। सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कहा है कि शहीदों के बारे में ऐसी बातें सुनकर तकलीफ होती है। उन्होंने कहा कि शहीदों को पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए।
भारत ने सितंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के जवाब में पीओके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था और आतंकियों के लॉन्च पैड को ध्वस्त कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के इस ऑपरेशन में 30 से 40 आतंकी मारे गए थे। इस सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग की लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने की थी। अब वो सेना से रिटायर हो चुके हैं और देश के सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में डीएस हुड्डा ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कहा, "हां इससे तकलीफ होती है, जब एक शहीद के बारे में ऐसा कहा जाता है, चाहे वो आर्मी से हो या फिर पुलिस से, उन्हें पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए, ऐसे बयान ठीक नहीं है"
बता दें कि भोपाल से बीजेपी कैंडिडेट साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई हमले के शहीद हेमंत करकरे के बारे में कहा था कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार करने के बाद हेमंत करकरे ने उन्हें बेइंतहा यातना दी थी, और उन्हें बेरहमी से पीटा। साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि उन्होंने कहा था कि हेमंत करकरे का सर्वनाश होगा। साध्वी प्रज्ञा के ऐसा कहने के सवा महीने के अंदर पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में हमला किया। इस हमले की चपेट में आकर हेमंत करकरे शहीद हो गए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस नेताओं पर साजिश रचने और हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी गढ़ने का आरोप लगाया।