RSS ऑफिस की सुरक्षा: पढ़िए पूरा विवाद, पुलिस का पक्ष और नेताओं की प्रतिक्रियाएं | MP NEWS

Bhopal Samachar
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भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय 'समिधा' को दी गई सुरक्षा बीते रोज हटा दी गई। इसी के साथ मध्यप्रदेश की राजनीति में घमासान मच गया। सीएम कमलनाथ ने सुरक्षा हटाई तो दिग्विजय सिंह ने इस पर आपत्ति जता दी। पुलिस ने भी अपना पक्ष रखा। भाजपा नेताओं के लिए तो यह सुनहरा अवसर है, किसी ने मौका लपकने से नहीं चूका। आइए पढ़ते हैं इस घटना से जुड़ी सभी खबरें एक साथ: 

पुलिस का पक्ष: क्यों हटाया विशेष सुरक्षा दस्ता

आईपीएस अखिल पटेल ने कहा कि SAF के फोर्स को इकट्ठा करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को हटाया गया है। उसकी जगह लोकल थाना पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, संघ के दफ़्तर पर इस दौरान कोई वीआईपी मूवमेंट होने पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था का आंकलन करने के बाद अगर ज़रूरत हुई तो फिर से फोर्स को स्थाई रूप से तैनात कर दिया जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को चेतावनी दी

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कांग्रेस को खुली चेतावनी दे डाली है। उन्होंने RSS कार्यालय से सुरक्षा हटाने को निंदनीय बताते हुए ट्वीट पर लिखा-अगर किसी स्वयंसेवक को खरोंच भी आई तो कांग्रेस सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी। उन्होंने कांग्रेस पर किसी हमले की योजना बनाने के आरोप भी लगाए।

दिग्विजय सिंह ने कहा: उनकी सुरक्षा वापस लौटाएं

लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने कहा भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है मैं मुख्यमंत्री कमल नाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।

संघ ने सुरक्षा नहीं मांगी थी, कांग्रेस ने दी थी तो हटाई क्यों: बाबूलाल

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का कहना है कि संघ ने कभी सुरक्षा मांगी ही नहीं थी। अगर कांग्रेस ने सुरक्षा दी थी तो उसे जारी रखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व मंत्रियों के यहां भी सुरक्षा व्यवस्था में जवान तैनात हैं, तो संघ कार्यालय से ही सुरक्षा क्यों हटाई। अगर चुनाव आयोग को जवानों की आवश्यकता थी तो सभी मंत्रियों के यहां से भी सुरक्षा हटानी चाहिए थी।

सरकार की बहानेबाजी है: शिवराज सिंह

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सुरक्षा हटाने का फैसला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। चुनाव के नाम पर सुरक्षा हटाना सरकार की बहानेबाजी है। मैं इस फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। 

नफरत की पाठशालाओं को सुरक्षा क्यों दी जाए: डॉ. आनंद राय

व्यापमं घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने प्रतिक्रिया दी है कि किसी भी नियम के तहत उन्हें सुरक्षा नही दी जा सकती। वह कोई संवेधानिक संस्था नहीं है न Regtd सामाजिक संस्था है। अगर उन्हें सुरक्षा चहिये तो नियमानुसार शुल्क भरें। नफरत की पाठशालाओं को सुरक्षा क्यों दी जाए। सशस्त्र सुरक्षा Threat perception Report के आधार पर दी जाती है।

कमलनाथ ने सुरक्षा बहाल कर दी

भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय 'समिधा' की सुरक्षा में लगे जवानों को हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को फिर से सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के जारी बयान में कहा गया मुझे आरएसएस के भोपाल स्थित कार्यालय से चुनाव आयोग में की गई एक शिकायत के चलते व चुनावी कार्य में फ़ोर्स की आवश्यकता होने के कारण सुरक्षा हटा लेने की जानकारी मिली। मैंने अधिकारियों को तुरंत ही निर्देश दिये है कि आरएसएस कार्यालय पर पुनः सुरक्षा व्यवस्था की जाए। कमलनाथ ने कहा कि आरएसएस से भले हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते है। लेकिन मैं उनके कार्यालय से सुरक्षा हटायें जाने का पक्षधर नहीं हूं।

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