मेरी कोई बहन नहीं है, इसलिए विमिन एम्पावरमेंट पर काम करूंगा: प्रदीप सिंह UPSC 93

भोपाल। मध्यप्रदेश के महानगर इंदौर में पेट्रोल पंप पर काम करने वाले अस्थाई कर्मचारी मनोज सिंह (MANOJ SINGH PETROL PUMP EMPLOYEE) का बेटा प्रदीप सिंह (PRADEEP SINGH IAS) संघ लोक सेवा आयोग (UPSC Results 2019) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 93 रेंक पर दर्ज हुआ है। प्रदीप सिंह जल्द ही आईएएस की ट्रेनिंग पूरी करके कलेक्टर बनेंगे। अपने पहले इंटरव्यू में प्रदीप सिंह ने कहा कि मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए मैं महिलाओं के लिए काम करूंगा। (प्रदीप सिंह के माता पिता के संघर्ष की कहानी यहां पढ़िए)

प्रदीप सिंह कहते है कि तैयारी के दौरान पिता उन्हें घर के हालातों की भनक तक नहीं लगने देते थे और लगातार प्रोत्साहिन दिया करते थे। सिविल की परीक्षा के दौरान उनकी मां की तबीयत बेहद खराब हो गई थी, फिर बेटे की पढ़ाई पर असर पड़ेगा ये सोचते हुए कुछ नहीं बताया। प्रदीप में दो साल दिल्ली में रहकर अपनी पूरी लगन से परीक्षा की तैयारी की। आज जब वे कामयाबी हासिल कर अपने सपने को साकार करने में सफल रहे हैं, अपने माता-पिता के संघर्षों को याद कर उनकी आंखें नम हो जाती हैं।

लोकसभा के ये 4 पिलर्स हैं, इन्हे मजबूत करूंगा

प्रदीप सिंह कहते है की मुझे 3-4 चीजों पर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत दिखाई देती है। हेल्थ, एजुकेशन, लॉ ऐंड ऑर्डर और विमिन एम्पावरमेंट। ये चार चीजें समाज के खम्भा हैं। महिलाओं के लिए वैचारिक बदलाव के लिए प्रयास करूंगा, जिससे उनकी सम्मान में चार चांद लग जाए, क्योंकि अब तक महिलाए हाउस वाइफ, किसी के बेटी, किसी की बहू, बनकर रहती आयी है जिसके अगर इसमें सिस्टम में सुधर आ गया तो बहुत बड़ा बदलाव दिखाई देगा।' 

स्कूलों में जाकर देखूंगा टीचर्स पढ़ाते हैं या नहीं

प्रदीप को अफ़सोस है की उनकी कोई बहन नहीं है उनकी तमन्ना है कि उनका प्रयास रहेगा की देश की बहनों के लिए बेहतर तौर पर काम कर अच्छा भाई बनने का प्रयास करेंगे। प्रदीप शिक्षा के प्रति खास लगाव के साथ कुछ करने के बात करते हुए कहते है कि खास तौर पर राइट तो एजुकेशन पर फोकस करके शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की कोशिश करेंगे, जहां पता चलेगा कि टीचर वक्त से नहीं पहुंचते वहां मै औचक निरक्षण करूंगा, टीचर के न होने के साथ टीचर की कमी, बिल्डिंग, बच्चों के लिए शौचालय के प्रति गंभीरता से कदम उठा कर निवारण करने का काम करूंगा।

लोगों की समस्याओं का ऑनलाइन समाधान उपलब्ध कराया जाएगा

ऑनलाइन पर खास ज़ोर देते हुए प्रदीप कहते है की मेरा फोकस ऑनलाइन पर भी होगा, ताकि लोग घर या आसपास से ही उन सुविधाओं के सीधे पहुंच सके. उनको मेरे घर या दफ्तर परेशान होकर कम आना पड़े, अगर जनता अपनी परेशानी मेरे यहां लेकर आती है तो उस शिकायत में जिम्मेदार लोगों पर जिम्मेदारी तय की जाएगी ताकि उनका सरकारी न्याय उन तक आसानी से पहुंच सके।

हर गरीब की समस्या को ध्यान से सुनूंगा

प्रदीप कहते है कि गरीबी का एहसास मुझको है इसलिए मैं जनता के लिए आसानी से उपलब्ध रहने की पूरी कोशिश करूंगा, इसलिए जन सुनवाई केंद्र की स्थापना कर जिले के कोने-कोने में कैम्प लगाकर समस्या का समाधान करने की योजना पर अमल किया जायेगा।

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