भोपाल। विद्या भारती से सम्बद्ध सरस्वती शिशु मंदिर (Sarasvati Shishu Mandir) हिन्दी माध्यम के विद्यालय हायर सेकेण्डरी एवं हाईस्कूल परीक्षा में प्रदेश की प्रावीण्य सूची में 49 छात्र/छात्राओं ने स्थान प्राप्त किया। विद्या भारती कार्यालय से दी जानकारी में बताया कि गत दिवस माध्यमि शिक्षा मण्डल बोर्ड मध्यप्रदेष द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में प्रदेश की हायस्कूल की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान सरस्वती शिशु मंदिर, गोरझामर सागर के भैया गगन दीक्षित पिता श्री राजेश दीक्षित ने 500/499 अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया। दूसरा स्थान भैया दीपेन्द्र पिता श्री धु्रव कुमार अहिरवार सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल, रिमझरिया, सागर ने 500/497 अंक प्राप्त किए तथा तीसरा स्थान भैया हर्ष कुमार कोष्टी पिता श्री सुनील कुमार सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल, लक्ष्मीपुरा खेरवाड़ा, सागर आदि ने सम्पूर्ण प्रदेष में हाईस्कूल परीक्षा की प्रावीण्य सूची में 37 सरस्वती शिशु मंदिरों के छात्रों ने स्थान प्राप्त किया। साथ ही हायर सेकेण्डरी परीक्षा में प्रदेष की प्रावीण्य सूची में सरस्वती शिशु मंदिरों के 12 छात्रों ने प्रदेष में स्थान प्राप्त कर विद्यालय एवं विद्या भारती संगठन को गौरवान्वित किया है।
इसके साथ ही यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि कक्षा 10वीं में प्रथम स्थान से लगाकर 10वें स्थान तक सरस्वती शिशु मंदिरों के 37 भैया/बहिनों ने प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त कर एक नया इतिहास रचा है। इसके साथ ही कक्षा 12वीं की प्रावीण्य सूची में सरस्वती शिशु मंदिरों के 12 भैया/बहिनों ने बाजी मारी है। तथा जिलों की प्रावीण्य सूची में प्रत्येक जिले में सरस्वती षिषु मंदिरों के भैया/बहिनों ने स्थान प्राप्त किया है।
विद्या भारती मध्यप्रदेश में 2800 विद्यालय जिनमें 6 लाख छात्र अध्ययनरत् हैं। देश भर में 13 हजार से अधिक सरस्वती शिशु मंदिरों में 34 लाख छात्र अध्ययन करते है। उल्लेखनीय है कि कल ही असम बोर्ड परीक्षा में पहला स्थान विद्या भारती के विद्यालय की बहिन मेघश्री ने प्राप्त किया। साथ ही सी.बी.एस.ई परीक्षा में देशभर में तृतीय स्थान बहिन चंचल गर्ग ब्रह्मादेवी सरस्वती शिशु मंदिर, हापुड़ उत्तरप्रदेष ने प्राप्त कर देश एवं विद्यालय का नाम रोशन किया। विद्याभारती द्वारा ऐसे भैया/बहिनो का निर्माण करना कि वह समाज एवं देश के लिए समर्पित हों। एक आदर्श समाज के लिए आदर्श नागरिक बनाना यही विद्याभारती का लक्ष्य है।