सिरदर्द (Headache) एक बहुत ही आम समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकती है, लेकिन महिलाओं में यह परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है। सिरदर्द तनाव, चिंता व माइग्रेन जैसी मेडीकल समस्या का भी संकेत हो सकता है। कुछ प्रमुख सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर का परिणाम हो सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लू एच ओ) के अनुसार, विश्व की आधी आबादी बार-बार सिरदर्द का अनुभव करती है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के प्रमुख सलाहकार डॉक्टर राजशेखर रेड्डी ने बताया कि “सिरदर्द लगभग 150 तरीके के होते हैं। उनमें से कुछ में तनाव सिरदर्द, क्लस्टर सिरदर्द, साइनस सिरदर्द, पुराना सिरदर्द, पोस्ट ट्रॉमिक सिरदर्द और माइग्रेन सिरदर्द के अलावा कई तरह के सिरदर्द शामिल होते हैं। चूंकि, सिरदर्द एक गंभीर समस्या होती है, इसलिए अगर सिरदर्द नियमित, लगातार और ज्यादा गंभीर है तो बिना कोई लापरवाही दिखाए तुरंत इसकी जांच और इलाज करवाना जरूरी है। आमतौर पर सिरदर्द ज्यादा गतिविधि का परिणाम हो सकता है।
प्राथमिक सिरदर्द में रक्त वाहिका, मांसपेशियां, सिर और गर्दन की नसें शामिल होती हैं। आमतौर पर प्राथमिक सिरदर्द में माइग्रेन, तनाव सिरदर्द और क्लस्टर सिरदर्द शामिल होते हैं।” आमतौर पर माध्यमिक सिरदर्द खासकर उस तरह के सिरदर्द के लक्षण होते हैं, जो दूसरे कारणों से होते हैं। ये ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रोक, सिर में मोच, रात को दांत पीसने, शरीर मे पानी की कमी और कई अन्य कारकों के कारण होते हैं।
तनाव के कारण हो रहा सिरदर्द आमतौर पर युवाओं में ज्यादा होता है। इस तरह के सिरदर्द का आम कारण पढ़ाई और काम का ज्यादा प्रेशर हो सकता है। तनाव के कारण हो रहा सिरदर्द गंभीर नहीं होता है और समय के साथ दर्द का आना जाना लगा रहता है लेकिन इसका कोई लक्षण नहीं नजर आता है।
इस तरह का सिरदर्द बेहद गंभीर होता है, क्योंकि इसमें पीड़ित को दोनो या एक आंख के आसपास तीव्र जलन और चुभन होने जैसा महसूस हो सकता है। इसका दर्द इतना गंभीर हो सकता है कि पीड़ित एक जगह आराम से बैठ ही नहीं सकता और दर्द के दौरान हिलता-डुलता रहता है। कभी-कभी आंखें लाल हो जाती हैं, पुतलियां छोटी हो जाती हैं और नाक एक तरफ से ब्लॉक हो जाती है। ये क्लस्टर सिरदर्द कहलाते हैं, क्योंकि ये ज्यादातर समूहों में होते हैं।
इसके होने का कोई तय समय नहीं होता है, आप इसे हफ्ते में 2-3 बार अनुभव कर कर सकते हैं, जो लगातार 2 हफ्ते या कई महीनों तक भी रह सकता है। प्रत्येक सिरदर्द अटैक 15 मिनट से 3 घंटों तक रहता है। यह सिरदर्द आपको गहरी नींद से जगा सकता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह दर्द ज्यादा होता है।
डॉक्टर रेड्डी ने आगे बताया, “अधिकतर माइग्रेन के सिरदर्द को गैस, कमजोर आंख और साइनस के रूप में जाना जाता है। इसमें केवल कमजोर कर देने वाला गंभीर दर्द नहीं शामिल है। इसमें दर्द हल्का भी हो सकता है और तीव्र भी, जो एक व्यक्ति से दूसरे में अलग होता है और (दृश्य के लक्षण) के साथ माइग्रेन को क्लासिक माइग्रेन कहा जाता है और यह 15 प्रतिशत मरीजों में होता है। औरा के बगैर माइग्रेशन (जिसे सामान्य माइग्रेन भी कहा जाता है) 85 प्रतिशत मरीजों में होता है। विश्व में सिरदर्द के अधिकांश मरीज माइग्रेन के शिकार होते हैं।”
सिरदर्द के प्रबंधन की शुरुआत जांच से शुरु होती है जिसमें गंभीर माध्यमिक सिरदर्द के लिए कई टेस्ट किए जा सकते हैं। माइग्रेन के इलाज में जीवनशैली से जुड़े बदलाव, प्रिवेंटिव थेरपी और रेस्क्यू थेरपी शामिल हैं।
मेडिसिन ओवरयूज हेडेक एस ओ एच (दवाओं के ज्यादा प्रयोग के कारण सिरदर्द), जो स्ट्रांग दवाएं लेने से होता है, से बचने के लिए इसे सही समय पर पहचानना और समझना बहुत जरूरी है। पेन किलर के ज्यादा सेवन से अल्सर और किडनी की परेशानियां बढ़ती हैं। ऐसे मरीज जिनको हर रोज तीव्र सिरदर्द होता है उनके लिए बोटोक्स थेरपी की सुविधा उप्लब्ध है।