नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के गवर्नर बोर्ड के साथ विचार-विमर्श करके वर्ष 2019-20 के लिए एनईईटी-पीजी के संबंध में आर्हता प्रतिशत को 6 प्रतिशत कम करने का निर्णय लिया है।
अब, शैक्षिक वर्ष 2019-20 के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार न्यूनतम 44 प्रतिशत अंकों के साथ, दिव्यांगजन श्रेणी के उम्मीदवार न्यूनतम 39 प्रतिशत अंकों के साथ और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार 34 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए पात्र होंगे।
सभी राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया था कि वे इस वर्ष काउंसलिंग के किसी अगले चरण में संशोधित योग्यता अंकों के अनुसार छात्रों को अनुमति देने के लिए आवश्यक प्रबंध करें।