रायपुर। प्रदेश (CHHATTISGARH) के नर्सिंग कॉलेजों (NURSING COLLEGE) में प्रवेश के लिए राज्य सरकार ने प्रवेश नियम 2019 (ADMISSION RULES 2019) जारी कर दिए हैं। इस बार नियमों में बड़े बदलाव (CHANGES) किए हैं, जो इस पाठ्यक्रम को मेडिकल/डेंटल (MEDICAL/DENTAL) की तरह महत्वपूर्ण बनाने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्र अगर निर्धारित समय के बाद सीट छोड़ते हैं तो उन्हें अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को 30 हजार रुपये और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 20 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। इसे बांड कहा गया है। इसके साथ ही निजी कॉलेजों में तमाम आरक्षणों के बाद बची हुई सीट पर पुरुष/महिला दोनों ही अभ्यर्थी दाखिला ले सकेंगे यानी की पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अब विकल्प खुल गए हैं। यह नियम सिर्फ निजी कॉलेजों में लागू होगा, शासकीय कॉलेजों की सभी सीटें महिला अभ्यर्थी से भरी जाएंगी।
'नईदुनिया' को मिली जानकारी के मुताबिक यह बीते वर्ष नर्सिंग कॉलेजों के सभी पाठ्यक्रमों में मिलाकर एक हजार से अधिक सीटें खाली रह गई थीं। यही वजह है कि नियमों को और ज्यादा शख्त किया गया है।
पाठ्यक्रम, जिनके लिए संचानालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाई जा रही है
बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक नियमित)- जनरल नर्सिंग मिडवायफरी उत्तीर्ण, छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन- 2 वर्ष
पोस्ट बेसिक डिप्लोमा इन क्लीनिकल स्पेशलिटी- पंजीकृत नर्स (जीएनएम/बीएससी)- एक वर्ष
बी.एससी. बेसिक- परीक्षा 12वीं में भोतिक, रसायन, जीव विज्ञान, अंग्रेजी विषयों में उत्तीर्ण- चार वर्ष
एम.एससी. नर्सिंग- न्यूनतम 55 फीसद अंकों के साथ बीएससी नर्सिंग/पोस्ट बेसिक नर्सिंग उत्तीर्ण- दो वर्ष
जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी- 12वीं उत्तीर्ण न्यूनतम 40 फीसद अंकों के साथ- तीन वर्ष
(नोट- अधिक जानकारी के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की वेबसाइट पर नियम अपलोड हैं।)
ये नियम भी अच्छे से पढ़ लें
- निजी कॉलेजों की सभी सीटों पर काउंसिलिंग बीते तीन वर्षों की भांति चिकित्सा शिक्षा संचालनालय करवाएगा।
- सभी सीटों पर राज्य के मूल निवासी अभ्यर्थी ही दाखिला ले सकें।
- जीएनए/बीएससी नर्सिंग/बीएससी पोस्ट बेसिक/पोस्ट बेसिक डिप्लोमा में 20 फीसद सीट एवं एम.एससी. नर्सिंग पाठ्यक्रम में 50 फीसद सीटों पर सेवारत अभ्यर्थी प्रवेश ले सकेंगे। ये इनके लिए आरक्षित की गई हैं।
संबद्धता के लिए बनेगी तीन विभागों की संयुक्त टीम- बीते वर्ष प्रदेश के 105 नर्सिंग कॉलेजों में दाखिले हुए थे। इस वर्ष भी ये कॉलेज अस्तित्व में होंगे। इन्हें संबद्धता देने के लिए राज्य नर्सिंग काउंसिल, आयुष विश्वविद्यालय और चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की संयुक्त निरीक्षण कमेटी बनेगी। फिलहाल इसका गठन नहीं हुआ है।
नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार की दो टूक
छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल दुर्गा उसारे ने कहा कि अगर इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आइएनसी) जिन कॉलेजों को मान्यता देती है, अगर वे कॉलेज राज्य नर्सिंग काउंसिल के निरीक्षण में मानकों पर खरे नहीं उतरे तो उनमें प्रवेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।उन्होंने कहा कि अभी निजी कॉलेजों की तरफ से संबद्धता के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। प्राप्त होंगे तो निरीक्षण होगा।
इनका कहना है
प्रवेश नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, साथ ही नियमों को और सरल ढंग से पेश किया गया है। पहले निजी कॉलेजों की सीटों खाली रह जाती थीं, अब इन सीटों पर आरक्षण के अतिरिक्त अगर पुरूष अभ्यर्थी इच्छुक/पात्र होते हैं तो उन्हें दाखिला मिलेगा।
- डॉ. जितेंद्र तिवारी, प्रवक्ता, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय