गुना। वनभूमि पर अतिक्रमण कराने के लिए रिश्वत लेते पकड़े गए डिप्टी रेंजर चंद्रभान रघुवंशी के खिलाफ न्यायालय में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का दोष प्रमाणित हो गया। विशेष अदालत ने चंद्रभान रघुवंशी को 4 साल के कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ प्रदीप कुमार मिश्रा के मुताबिक 29 अक्टूबर 2015 को फरियादी संतोष धाकड़ ने लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर में शिकायत की थी कि कलोरा फारेस्ट चौकी पर पदस्थ डिप्टी रेंजर चंद्रभान रघुवंशी 5 बीघा वनभूमि पर अतिक्रमण कराने के लिए उससे पौने तीन लाख रुपए रिश्वत मांग रहा है।
जांच में शिकायत सही पाए जाने पर पहली किस्त में 20 हजार रुपए देना तय हुआ। 20 नवंबर 2015 को लोकायुक्त टीम ने डिप्टी रेंजर चंद्रभान को फरियादी संतोष से 20 हजार रुपए लेते गिरफ्तार किया था। चंद्रभान पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।
प्रकरण की सुनवाई के दौरान फरियादी संतोष अपने बयान से पलट गया। फिर भी जिला अभियोजन अधिकारी रविकांत दुबे ने मजबूती से पैरवी की। उनके तर्काें और साक्ष्यों से सहमत होकर अदालत ने चंद्रभान रघुवंशी को 4 साल के कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।