5 स्टूडेंट्स के लिए 4 कमरे, 5 शिक्षक फिर भी सारे फेल हो गए | MP NEWS

Bhopal Samachar
इंदौर। सरकारी स्कूलों का ढर्रा यदि देखना हो जूना रिसाला के शासकीय (उर्दू) हाई स्कूल आइए। यहां 5 स्टूडेंट्स के लिए 4 कमरे और 5 शिक्षक तैनात थे, एक भी स्टूडेंट पास नहीं हुआ। 3 फेल हो गए, 2 की पूरक आई है। इस तरह के परीक्षा परिणामों के कारण ही पूरा शिक्षक समाज सवालों की जद में आ जाता है। 

पत्रकार उदय प्रताप सिंह की रिपोर्ट के अनुसार इस स्कूल का रिपोर्ट कार्ड स्कूल शिक्षा विभाग के परीक्षा परिणाम बेहतर होने के दावों की पोल खोल रहा है। बीते शिक्षा सत्र में इस स्कूल में कक्षा 9वीं व 10वीं के 13 छात्र थे। इसमें 10वीं में 8 छात्र थे लेकिन 3 छात्रों की उपस्थिति कम होने से उन्हें स्वाध्यायी के रूप में परीक्षा देनी पड़ी। इनमें से एक छात्र तो उत्तीर्ण हो गया, लेकिन स्कूल में जिन 5 छात्रों ने नियमित छात्र के रूप में परीक्षा दी थी, उनमें से 3 छात्र फेल हो गए और 2 को पूरक आ गई।

इस स्कूल का रिजल्ट शून्य आने पर अब स्कूल शिक्षा विभाग के आला अधिकारी समीक्षा करने की बात कह रहे हैं। जूना रिसाला के इस स्कूल में इस बार छात्रों की संख्या 23 हो गई है। पिछले वर्ष इस स्कूल का रिजल्ट 50 प्रतिशत रहा था। 10वीं के 4 में 2 छात्र उत्तीर्ण हुए थे। इनमें से 1 छात्र प्रथम व अन्य द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ था। इस तरह स्कूल में छात्रों की संख्या तो इस बार बढ़ी लेकिन रिजल्ट गिर गया।

जूना रिसाला में 4 कमरों के इस स्कूल में प्राचार्य अंग्रेजी पढ़ाती हैं। विज्ञान व उर्दू के 2 स्थायी शिक्षक हैं। गणित व सोशल साइंस के अतिथि शिक्षक पढ़ाने के लिए आते थे। स्कूल प्रबंध की मानें तो स्कूल में गरीब परिवारों के बच्चे आते हैं। इनमें से कई बच्चे तो काम पर भी जाते हैं। ऐसे में परिवार ही नहीं चाहते कि छात्र नियमित स्कूल आएं।

घर पर जाकर पढ़ाने का भी किया प्रयास
शोभा शुक्ला, प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल जूना रिसाला का कहना है कि स्कूल में छात्र नियमित नहीं आते थे। इससे 3 छात्रों को प्रायवेट छात्र के रूप में परीक्षा देना पड़ी। छात्र अंग्रेजी, उर्दू व हिंदी तीनों में कमजोर थे। रिजल्ट शून्य होने की हम समीक्षा कर रहे हैं। हमारे शिक्षकों ने तो उन्हें घर पर जाकर पढ़ाने का प्रयास किया। बच्चों को शिक्षकों को घर भेज बुलाना पड़ता था। हमने परिजन की भी काउंसलिंग की वो बच्चों को स्कूल रोज भेजे। जिन छात्रों को पूरक आई है वो विज्ञान व गणित विषयों में एक-दो नंबर से रह गए हैं। हम सभी छात्रों की कॉपी का माशिमं से प्रिंट लेकर उसकी समीक्षा करेंगे। छात्रों की रिटोटलिंग व पूरक परीक्षा भी दिलवाएंगे। 

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