भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में पकड़ाया फर्जी डॉक्टर आनंद मिश्रा कोई आदतन अपराधी नहीं है। वो तो एक होनहार छात्र था। उसने 2016-17 में यूपी के गाैंडा स्थित सेंट जेवियर स्कूल से 12वीं की पास की थी। वो डॉक्टर बनना चाहता था। उसने करीब चार साल पहले एम्स पीएमटी दी थी लेकिन आरक्षण के कारण वो मैरिट में आने के बाद भी एडमिशन हासिल नहीं कर पाया। पुलिस के मुताबिक उसके पास पीएमटी परीक्षा का स्कोर कार्ड भी है। तभी से आनंद ने ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए प्रैक्टिस तो यहीं करूंगा।
एम्स की ओपीडी में इलाज करते हुए उसे डॉक्टर व कर्मचारियों ने पिछले हफ्ते पकड़ा था। वह 8 मई तक के लिए पुलिस रिमांड पर है। आनंद पर आरोप है कि उसने करीब एक दर्जन लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर 20 से 40 हजार रुपए तक लिए हैं। यह राशि सीधे उसके बैंक खातों में आती थी। एम्स भोपाल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा में उसके एक-एक खाते हैं। पुलिस सोमवार को आनंद को लेकर एम्स पहुंची। यहां बैंक खातों को सील कर दिया गया। दोनों खातों में मिलाकर 1 लाख 22 हजार रुपए थे। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि खातों में पैसा कब और कहां से आया।
मंगेतर के लिए खरीदा सामान भी सीज
आनंद की सगाई हो गई थी। उसने अपनी होने वाली पत्नी के लिए भोपाल में एक घर लेकर वहां सामान रखा था। इसमें डबल बेड, अलमारी, सोफासेट, ड्रेसिंग टेबल, डायनिंग टेबल आदि शामिल है। पुलिस ने यह सामान जब्त कर लिया है। होने वाली पत्नी भी बागसेवनिया थाने में आरोपित से मिल चुकी है। पुलिस के मुताबिक उसने पत्नी से भी कहा था कि वह एम्स में डॉक्टर है। बता दें कि आनंद की मंगेतर ने भी सोशल मीडिया पर खुद को डॉक्टर बताया है।
महंगे होटलों व हवाई यात्रा में पैसे खर्च कर दिए
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आनंद ने करीब 12 लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है, लेकिन खाते में 1 लाख 22 हजार ही है। वह ऐसे होटलों में रुकता था जहां एक दिन रुकने का खर्च 15 से 20 हजार रुपए है। कई हवाई यात्राएं की हैं। लोगों को आकर्षित करने के लिए फेसबुक प्रोफाइल पर अमेरिका की यात्रा करना भी उसने बताया है। पुलिस के मुताबिक आरोपित होशंगाबाद स्थित सागर रॉयल विला में रहता था। उसने एक और मकान बुक किया था।
अधीक्षक गेट से आम लोगों की एंट्री बंद
एम्स की ओपीडी में फर्जी डॉक्टर मिलने के बाद एम्स प्रबंधन ने सख्ती शुरू कर दी है। अस्पताल के पूर्व की तरफ अधीक्षक कार्यालय आने-जाने वाले गेट से आम लोगों का प्रवेश रोक दिया गया है। सिर्फ स्टाफ की एंट्री है। इसके सामने आम व्यक्ति के वाहनों की आवाजाही पर भी रोक है।