नई दिल्ली। इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 1 जुलाई से दोनों मार्गों पर एक साथ होगी। बाबा बर्फानी के दर्शनों के इच्छुक यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत 1 अप्रैल से हो चुकी है। इस दौरान दोनों मार्ग बालटाल और पहलगाम से यात्रा करने वाले श्रद्धालु अपने लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि पंजीकरण की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर सरकार के पास है। अगर आप भी इस साल बाबा बर्फानी के दर्शन करना चाहते हैं तो जान लें क्या है पंजीकरण का सही तरीका।
- याद रखिए कि यह पंजीकरण 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर किया जा रहा है।
- पंजीकरण फार्म को पाने के लिए आपको अपने आवेदन के साथ एक फिटनेस सर्टिफिकेट भी लगाना आवश्यक है।
- एक यात्रा परमिट केवल एक यात्री पंजीकरण के लिए मान्य होगा।
- अमरनाथ यात्रा करीब 46 दिन की होगी। जिसके लिए यात्रियों के पास परमिट होना जरूरी होता है।
- यह परमिट एक निश्चित दिन और मार्ग के लिए वैध होता है। बिना परमिट के कोई भी यात्री यात्रा नहीं कर सकता है।
- अमरनाथ यात्रा से करीब 1 महीना पहले यात्रा के इच्छुक श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। जिसके बाद ही यात्रियों को यात्रा के लिेए परमिट जारी किया जाता है।
- रजिस्ट्रेशन के बाद परमिट जारी किए जाते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा हर दिन 500 इच्छुक तीर्थयात्रियों के लिए होगी। यह दोनों मार्गो पहलगाम से 250 यात्रियों और बालताल से 250 यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी।
- अमरनाथ यात्रा के लिए 12 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र वाले यात्रियों को अनुमति नहीं दी गई है।
- यात्रा के दौरान पंजीकरण से संबंधित कागजात और आईडी प्रूफ आदि हमेशा अपने पास रखें।
- पंजीकरण के बाद यात्री को यात्रा के हफ्ते के अनुसार परिचय पत्र जारी किए जाते हैं। इसके ऊपर यात्रा की तिथि अंकित होती है।
- पंजीकरण से जुड़ी सारी कवायद आपकी सुरक्षा के लिए है, इसलिए इसमें कोताही न बरतें। इन परिचय पत्रों की यात्रा के समय कई जगहों पर जाँच की जाती है।