भोपाल। चुनाव ड्यूटी के नाम पर कर्मचारियों पर अत्याचार लगातार जारी हैं। इसी के चलते होमगार्ड के सहायक उप निरीक्षक दुलीचंद कोटीकार ने सुसाइड कर लिया। इससे पहले होमगार्ड के एक बीमार सिपाही को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। एएसआई दुलीचंद उसके शव को उसके घर सुपुर्द करने गए थे। तभी से वो गुमसुम से हो गए थे।
आचार संहिता या आपातकाल
आचार संहिता लागू होने के बाद नौकरशाह कर्मचारियों के साथ आपातकाल जैसा व्यवहार करते हैं। छोटी मोटी लापरवाही पर सस्पेंड कर देना आम बात है। दर्जनों नोटिस जारी किए जाते हैं जिनमें माफी देने के बदले रिश्वत वसूली जाती है। एक लोकायुक्त छापे में यह प्रमाणित हो चुका है। बीमार कर्मचारियों को जबरन ड्यूटी लगाने के सैंकड़ों मामले सामने आए हैं। विधानसभा चुनाव 2019 में भी बीमार कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुईं थीं, लोकसभा चुनाव में भी यह क्रम जारी रहा। आचार संहिता के कारण कर्मचारी ना तो शिकायत कर पाते हैं और ना ही कर्मचारी संगठन आवाज उठाते हैं।
चुनाव ड्यूटी पर जाने से पहले फांसी लगा ली
चुनाव ड्यूटी में लगे होमगार्ड एएसआई दुलीचंद कोटीकार आगामी 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के लिए मंगलवार को खंडवा रवाना होने वाले थे। इससे पहले सोमवार की रात उन्होंने जबलपुर स्थित अपने किराए के आवास में दुलीचंद ने खुदकुशी कर ली।
बीपी और हाइपरटेंशन के मरीज थे ASI
दुलीचंद खुद बीपी और हाइपरटेंशन से ग्रसित था और चुनाव ड्यूटी लगने से वह काफी परेशान भी रहने लगा था। चुनाव ड्यूटी के लिए दुलीचंद 14 मई को खंडवा रवाना होने वाला था, लेकिन देर रात 3 बजे दुलीचंद ने ये आत्मघाति कदम उठा लिया।
क्या कर्मचारियों के मानवाधिकार नहीं होते
बहरहाल, मामले की सूचना मिलने पर होमगार्ड महकमे के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। घटना पर शोक व्यक्त किया। वहीं जबलपुर से सामने आई इस घटना से बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर चुनाव ड्यूटी लगाने में क्या सेहत का ध्यान नहीं रखा जाता।