ATITHI SHIKSHAK: संकुल प्राचार्यों को अनुभव प्रमाण पत्र बनाने के आदेश | JABALPUR NEWS

NEWS ROOM
जबलपुर। सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों (ATITHI SHIKSHAK) की नियुक्ति किए जाने से पहले उनके अनुभव प्रमाण पत्र (experience certificate) जनरेट किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से अतिथि शिक्षकों के दस्तावेज चेक कर अनुभव प्रमाण पत्र ऑनलाइन जनरेट करने की जिम्मेदारी संकुल प्राचार्यों (Principals) को सौंपी गई है लेकिन अधिकांश संकुल प्राचार्य दी गई जिम्मेदारी निभाने की बजाए गर्मियों की छुट्टियां मना रहे हैं। लिहाजा अतिथि शिक्षक सीधे DEO (जिला शिक्षा अधिकारी) कार्यालय का रुख कर अपनी समस्याएं बताने पहुंच रहे हैं।

अतिथि शिक्षकों द्वारा रोजाना समस्या लेकर डीईओ कार्यालय पहुंचने पर डीईओ ने नाराजगी जताते हुए संकुल प्राचार्यों को चिट्ठी जारी की है। जिसमें प्राचार्यों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाते हुए तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह चेतावनी भी दी यदि समय सीमा में अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र जनरेट नहीं किए गए तो उसकी जिम्मेदार संबंधित संकुल प्राचार्य ही होंगे।

संकुलों में नहीं बैठ रहे प्राचार्य

जिले में करीब 2 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षक की नियुक्ति के पहले उनके अनुभव प्रमाण पत्र जनरेट करने 31 मई तक की समय सीमा निर्धारित की गई है। लेकिन संकुल प्राचार्य संकुलों में बैठ ही नहीं रहे हैं।

प्राचार्यों को लॉक करने हैं अतिथियों के प्रकरण

संकुल प्राचार्यों को अतिथि शिक्षकों की क्लेम फाइल सुरक्षित रखने। मानदेय देयक की संख्या अंकित करने के साथ ही डीडीओ लॉगिन से क्लेम फार्म में संस्था प्रमुख द्वारा सत्यापित उपस्थिति को ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर पोर्टल में अपडेट करने बाद प्राचार्य उसे लॉक करेंगे।

प्राचार्यों के लॉक करने के बाद ही लॉक किए अतिथि शिक्षकों के प्रकरण डीईओ की लॉगिन में प्रदर्शित होंगे। जिसे डीईओ लॉक करेंगे। इसके बाद अतिथि शिक्षकों को पोर्टल जनरेटेड बार कोडेड अनुभव प्रमाण पत्र जनरेट होंगे। जो डीईओ के हस्ताक्षर के बाद मान्य होंगे।

-----------
अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र जनरेट करने की प्रक्रिया पूरी करने संकुल प्राचार्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन संकुल प्राचार्य ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान संस्था में उपस्थित नहीं हो रहे। आवेदक सीधे समस्या लेकर डीईओ कार्यालय पहुंच रहे जो अनुचित है। सभी संकुल प्राचार्यों को पत्र जारी कर प्रक्रिया के अनुरूप कार्य संपादन करने कहा गया है।
सुनील नेमा, डीईओ

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!