कूटरचित दस्तावेजों पर छिंदवाड़ा में खुलवाए गए बैंक अकाउंट (Bank account) में सट्टे की रकम जमा की जाती थी। पुलिस ने तीनों सटोरियों के खिलाफ पब्लिक गेम्बलिंग (मप्र) एक्ट 1976 की धारा 4(ए), 420, 471, 468, 467, 34, सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2000 की धारा 66 व 66(डी) के तहत प्रकरण दर्ज किया है। सटोरियों ने फ्लैट को किराए पर लिया था। फ्लैट मालिक की भूमिका का पता लगाया जा रहा है।
छिंदवाड़ा, नागपुर, मुंबई से कनेक्शन
सटोरियों के तार छिंदवाड़ा, मुंबई व नागपुर से जुड़े हैं। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में सटोरियों ने यह स्वीकार किया है। सटोरियों ने बताया कि वे नागपुर व मुंबई से बालाजी मटका डॉट काम की फ्रेंचाइजी लेकर जबलपुर में सट्टा कारोबार चला रहे थे। पुलिस टीम इन शहरों में बैठे बड़े सटोरियों का पता लगा रही है। पुलिस की एक टीम छिंदवाड़ा जाकर कूटरचित दस्तावेज पर खोले गए बैंक खाते का पता लगाएगी। देवेन्द्र ने छिंदवाड़ा निवासी कार्तिकेय और अविनाश को 10-10 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर रखा था। दोनों छिंदवाड़ा, नागपुर व मुंबई से संपर्क बनाए रखते थे।
सटोरियों ने करन सिंह निवासी छिंदवाड़ा के नाम पर फर्जी बैंक खाता छिंदवाड़ा में संचालित निजी बैंक में खुलवाया गया था। सट्टे की रकम इस खाते में जमा की जाती थी। पुलिस ने बैंक के अधिकारियों से संपर्क कर संबंधित बैंक खाते से लेन देन पर रोक लगाने कहा है। पुलिस पता लगा रही है कि करन सिंह सट्टा कारोबार में लिप्त है या उसके पहचान संबंधी दस्तावेजों की चोरी कर खाता खुलवाया गया था। हालांकि पुलिस को देवेन्द्र गोयल के नाम का भी डेबिट और वीजा कार्ड मिला है। ऑनलाइन सट्टे की प्रिंटेड पर्चियां भी पाई गईं।
इन्हें किया गिरफ्तार-
1-देवेन्द्र गोयल (Devendra Goyal) (34) पिता देवेन्द्र मुरारीलाल गोयल निवासी गोविंद भवन गोकलपुर रांझी।
2-कार्तिकेय मादे (Kartikeya Mada) (22) पिता गजेन्द्र निवासी शनिश्चरा बाजार छिंदवाड़ा।
3-अविनाश उर्फ प्रद्युम्न चौहान (Pradyumna Chauhan) (19) पिता नागेन्द्र सिंह चौहान परासिया रोड छिंदवाड़ा।
इनकी रही भूमिका-
एसपी निमिष अग्रवाल के निर्देश पर एएसपी सिटी राजेश त्रिपाठी ने टीम का गठन किया। टीआई प्रीति तिवारी, एएसआई भोजराज सिंह, प्रआ सुरेश सिंह, आरक्षक मुकेश शुक्ला, गोपीचंद ने सटोरियों को दबोचा। एसपी ने पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।