भोपाल। भारत की राजनीति में शायद यह पहली बार हो रहा है जब किसका भगवा कितना सुर्ख की चुनावी प्रतियोगिता पूरी ताकत के साथ लड़ी जा रही है। खाकी पेंट और काली टोपी वाले संगठन RSS ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर के समर्थन में विहिप की भगवा बिग्रेड उतारने की योजना बनाई तो दिग्विजय सिंह ने अपने समर्थन में साधु-संतों का अखाड़ा ही बुला लिया। भोपाल में अब दिग्विजय के लिए हठयोग शुरू हो गया है। बता दें कि कुछ समय पहले इसी तरह के हठयोग ने तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार की कुर्सी हिला दी थी।
शिवराज में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त कम्प्यूटर बाबा ऐसे बीजेपी से ऐसे रूठे कि कांग्रेस का हाथ थामा और अब बीजेपी को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। वो खुद तो दिग्विजय सिंह के लिए प्रचार करेंगे ही अपने साधु-संतों की जमात को भी मैदान में उतार रहे हैं। समर्थन ऐसा कि कम्प्यूटर बाबा धूनी भी रमाएंगे और रोड-शो भी करेंगे। कंप्यूटर बाबा सात हजार संतों के साथ राजधानी भोपाल में डेरा डाल रहे हैं। संतों का तप तीन दिन चलेगा। 7,8 और 9 मई को कंप्यूटर बाबा भोपाल में दिग्विजय सिंह के समर्थन में तप करेंगे और उनके साथ सात हज़ार से ज़्यादा साधु संत धूनी रमाएंगे। वो साधना कर दिग्विजय सिंह की जीत की कामना करेंगे। इस जप और तप का समापन 9 मई को होगा जब पूरे भोपाल में ये संत समाज रोड-शो करता निकलेगा।
कंप्यूटर बाबा कहते है कि ये सच में धर्म औऱ अधर्म की लड़ाई है। शिवराज ने खुद हिम्मत क्यों नहीं की दिग्विजय सिंह के सामने उतरने की। भाजपा अब जेल जाने वालों के साथ है। साधु संत तो कांग्रेस के साथ हैं। कम्प्यूटर बाबा ने कहा भाजपा सरकार खुद धर्म विरोधी है। हम नर्मदा को बचाने के लिए भाजपा में गए थे लेकिन सरकार ने साथ नहीं दिया। महाराष्ट्र एटीएस चीफ शहीद हेमंत करकरे की शहादत पर प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी के बारे में कम्प्यूटर बाबा बोले-साधु संत कभी श्राप नहीं देते।
कुल मिलाकर भोपाल सीट पर मुक़ाबला रोचक है। मैदान में उतरी संतों की टीम इसे धर्म और अधर्म, न्याय-अन्याय की लड़ाई बता रही है। हिंदुत्व औऱ सॉफ्ट हिंदुत्व का ज़िक्र हो रहा है।