भोपाल। छात्र नेता से साध्वी, साध्वी से महामंडलेश्वर और फिर भाजपा नेता बनीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव का नतीजा क्या होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा परंतु भाजपा में उनका स्थिति क्या होगी यह स्पष्ट होती जा रही है। अमित शाह ने प्रज्ञा ठाकुर का मामला अनुशासन समिति के पास भेज दिया है। अब प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा से निष्कासित भी किया जा सकता है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने खुद जानकारी दी है कि विगत 2 दिनों में श्री अनंतकुमार हेगड़े, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और श्री नलीन कटील के जो बयान आये हैं वो उनके निजी बयान हैं, उन बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है।
इन लोगों ने अपने बयान वापिस लिए हैं और माफ़ी भी मांगी है। फिर भी सार्वजनिक जीवन तथा भारतीय जनता पार्टी की गरिमा और विचारधारा के विपरीत इन बयानों को पार्टी ने गंभीरता से लेकर तीनों बयानों को अनुशासन समिति को भेजने का निर्णय किया है। अनुशासन समिति तीनों नेताओं से जवाब मांगकर उसकी एक रिपोर्ट 10 दिन के अंदर पार्टी को दे, इस तरह की सूचना दी गयी है।
प्रज्ञा ठाकुर ने माफी नहीं मांगी
यहां बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर ने माफी नहीं मांगी है। इस संदर्भ में उनके 2 बयान आए हैं। पहले बयान में उन्होंने कहा कि 'पार्टी की लाइन ही मेरी लाइन है।' दूसरे बयान में उन्होंने कहा 'गांधी महान, किसी की भावनाओं को चोट पहुंची तो माफी चाहती हूं।' जबकि प्रश्न अब भी उपस्थित है कि 'महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे कौन है, एक देशभक्त या अपराधी।' प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था और वो अपने इस बयान पर अब भी स्थिर हैं।