भोपाल। मध्यप्रदेश में किसान कर्ज माफी को लेकर भोपाल में हाईप्रोफाइल ड्रामा हुआ। कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी एवं मंत्री पीसी शर्मा एक गाड़ी लेकर शिवराज सिंह के घर पहुंचे। इस गाड़ी में दस्तावेज भरे हुए थे। कांग्रेस का दावा है कि ये किसान कर्ज माफी के सबूत हैं। उनके जाने के बाद शिवराज सिंह ने कहा कि असली लिस्ट तो दी ही नहीं। कर्ज माफी का सबूत कहां है।
भाजपा दावा करती है कि किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री को जो दस्तावेज सौंपे गए उनमें किसानों के नाम की सूची, उनके मोबाइल नंबर, कर्जमाफी के सर्टिफिकेट, किस बैंक से लोन लिया गया यह सब जानकारी दी गई। दरअसल, मध्यप्रदेश में किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी हर सभा में कमलनाथ सरकार को घेर रहे हैं। भाजपा ने शनिवार को आरोप पत्र जारी करते हुए कर्जमाफी को झूठा करार दिया। कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की थी।
पचौरी ने कहा- शिवराज और भाजपा झूठ परोस रही
सुरेश पचौरी ने कहा, ‘‘किसानों की कर्जमाफी का मामला छिपा नहीं है। सारी जानकारी ऑनलाइन है। शिवराज और भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है। झूठ परोस रही है। इसलिए हमने आज शिवराज को किसानों की कर्जमाफी से जुड़ी जानकारी दी है।’’ पचौरी ने कहा कि जब शिवराज सत्ता में थे तो उन्होंने किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया।
सरकारी लिस्ट से क्या होता है, बैंक की लिस्ट बताइए: शिवराज सिंह
कांग्रेसी नेताओं के रवानगी के बाद शिवराज ने मीडिया से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुझे कृषि विभाग की किसानों की सूची भिजवाई है। मुझे बैंकों की सूची दीजिए, कर्ज माफ तो बैंक करेंगे। सिर्फ माहौल बिगाड़ने और किसानों को भ्रमित करने से कुछ नहीं होगा। केवल सूची बना देने से कर्जा माफ नहीं हो सकता। 48 हजार करोड़ की बात कहकर 1300 करोड़ दिए हैं, तो कर्जा कैसे माफ होगा?’’