दमोह। यहां आरक्षण घोटाला सामने आया है। अफसरों ने पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को आदिवासी का जाति प्रमाण पत्र दे दिया ताकि उन्हे आरक्षण का लाभ मिल सके। अफसरों ने यह सबकुछ बड़ी चतुराई से किया। कुछ इस तरह कि यदि कभी पकड़े भी जाएं तो क्लर्क पर टाइपिंग की गलती का आरोप लगाकर फाइल बंद की जा सके।
एक ग्राम पंचायत के सचिव हरप्रसाद धुर्वे ने इस मामले को राज्य स्तरीय छानबीन समिति के सामने उठाया है। उन्होंने बताया कि हटा निवासी अनंतराम मुड़ा की जाति वर्ष 2010-11 और 29 अक्टूबर 2010 में भू अभिलेख रिकॉर्ड के आधार पर मुड़ा दर्ज है, लेकिन अनंतराम ने 30 जुलाई 2011 में जारी जाति प्रमाण पत्र में उन्होंने मुड़ा की जगह मुंडा जाति का बनवाया और आदिवासी कोटे पर नौकरी प्राप्त कर ली। इसी तरह अनंतराम मुड़ा ने अपनी पुत्री नमिता और पुत्र प्रमीण मुड़ा के स्थान पर मुंडा अनूसूचित जनजाति आदिवासी का स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाया और आदिवासी कोटे से नौकरी हासिल कर ली। जबकि अनंतराम की छह पीड़ी की वंशावली की जाति सन् 1910-11 और 1954-55 के भू अभिलेख रिकॉर्ड में मुड़ा उल्लेखित है और यह पिछड़ा वर्ग की सूचना में 45 नंबर पर दर्ज है। इस प्रकार अनंतराम की छह पीड़ियां मुड़ा जाति में दर्ज हैं, लेकिन हटा के ग्राम हरदुआ सड़क निवासी अनंतराम ने हटा एसडीएम कोर्ट में फर्जी दस्तावेज और कूटनीति करके मुंडा जाति का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया और एसडीएम कार्यालय से प्रकरण क्रमांक 1510-ब121वर्ष 2010-11 के द्वारा 6 सितंबर 2011 को मुंडा अनुसूचित जनजाति आदिवासी जाति का प्रमाण-पत्र जारी किया गया।
एक ग्राम पंचायत के सचिव हरप्रसाद धुर्वे ने इस मामले को राज्य स्तरीय छानबीन समिति के सामने उठाया है। उन्होंने बताया कि हटा निवासी अनंतराम मुड़ा की जाति वर्ष 2010-11 और 29 अक्टूबर 2010 में भू अभिलेख रिकॉर्ड के आधार पर मुड़ा दर्ज है, लेकिन अनंतराम ने 30 जुलाई 2011 में जारी जाति प्रमाण पत्र में उन्होंने मुड़ा की जगह मुंडा जाति का बनवाया और आदिवासी कोटे पर नौकरी प्राप्त कर ली। इसी तरह अनंतराम मुड़ा ने अपनी पुत्री नमिता और पुत्र प्रमीण मुड़ा के स्थान पर मुंडा अनूसूचित जनजाति आदिवासी का स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाया और आदिवासी कोटे से नौकरी हासिल कर ली। जबकि अनंतराम की छह पीड़ी की वंशावली की जाति सन् 1910-11 और 1954-55 के भू अभिलेख रिकॉर्ड में मुड़ा उल्लेखित है और यह पिछड़ा वर्ग की सूचना में 45 नंबर पर दर्ज है। इस प्रकार अनंतराम की छह पीड़ियां मुड़ा जाति में दर्ज हैं, लेकिन हटा के ग्राम हरदुआ सड़क निवासी अनंतराम ने हटा एसडीएम कोर्ट में फर्जी दस्तावेज और कूटनीति करके मुंडा जाति का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया और एसडीएम कार्यालय से प्रकरण क्रमांक 1510-ब121वर्ष 2010-11 के द्वारा 6 सितंबर 2011 को मुंडा अनुसूचित जनजाति आदिवासी जाति का प्रमाण-पत्र जारी किया गया।