नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) में इस बार स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट्स फायदे में रहेंगे। यूनिवर्सिटी उन सब्जेक्ट को भी अब ऐकडेमिक सब्जेक्ट (Academic subjects)की लिस्ट में शामिल करने जा रही है, जिन्हें स्टेट बोर्ड में ऐकडेमिक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ा जाता है। अब तक डीयू में बेस्ट फोर स्कोर कैलकुलेट करने के लिए सब्जेक्ट्स की दो लिस्ट होती हैं। पहली लिस्ट में ऐकडेमिक सब्जेक्ट होते थे और दूसरी लिस्ट में नॉन ऐकडेमिक कोर्स जैसे- वोकेशनल सब्जेक्ट। अब डीयू में सब्जेक्ट की 3 लिस्ट होंगी। पहली- ऐकडेमिक, दूसरी- नॉन ऐकडेमिक और तीसरी- स्टेट बोर्ड के ऐकडेमिक सब्जेक्ट। इन्हें अब तक ऐकडेमिक सब्जेक्ट नहीं माना जाता था और बेस्ट फोर में जोड़ने पर स्कोर से कुछ पर्सेंट काट लिए जाते थे। डीयू में ऑनलाइन ऐडमिशन प्रोसेस 20 मई के आसपास शुरू होगा।
CBSE के अलावा 34 बोर्ड और हैं, जहां के स्टूडेंट्स (Student) दिल्ली यूनिवर्सिटी में ऐडमिशन लेते हैं। डीयू के अधिकारियों का कहना है कि अब इन स्टूडेंट्स को अपने राज्य के ऐकडेमिक सब्जेक्ट लेने पर मार्क्स कटने का डर नहीं रहेगा। डीयू की स्टैंडिंग कमिटी के मेंबर डॉ. रसाल सिंह (Dr. Rasal Singh) का कहना है कि अब तक कई ऐसे सब्जेक्ट नॉन ऐकडेमिक मान लिए जाते थे और स्टूडेंट अगर इन्हें लेता था तो उसके नंबर कट जाते थे। दरअसल, डीयू अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम में ऐडमिशन के लिए बेस्ट फोर के स्कोर के आधार पर कटऑफ लिस्ट तैयार करता है।
उदाहरण के लिए- जम्मू-कश्मीर में बायोकेमिस्ट्री पढ़ाया जाता है, जिसे डीयू नॉन ऐकडेमिक सब्जेक्ट की लिस्ट में डाल देता है। इस बार जब बायोकेमिस्ट्री के सिलेबस को स्टडी किया गया तो पता चला कि वो सीबीएसई के बायलॉजी की ही तरह है, बस नाम अलग। इस वजह से लिस्ट सी बनाई गई। बायोकेमिस्ट्री की ही तरह लॉजिक ऐंड फिलॉसफी, मैथमैटिक्स ए और मैथमैटिक्स बी (आंध्र बोर्ड) समेत कुछ और सब्जेक्ट भी इस कैटिगरी में शामिल होंगे। नॉन ऐकडेमिक सब्जेक्ट में फिजिकल एजुकेशन, पेंटिंग, टाइपोग्राफी, कुकिंग आदि हैं। इस कदम से स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट्स को फायदा होगा।