जबलपुर। कंजड़ मोहल्ला घमापुर निवासी शिवप्रसाद शिवहरे (Shiv Prasad Shivhare) के नाम पर शहर स्थित शोरूम से बाइक खरीद ली गई, जिसका खुलासा तब हुआ जब यातायात नियम (Traffic rules) तोड़ने संबंधी ई चालान (E-CHALLAN) उनके घर पहुंचा। शिवप्रसाद अब पुलिस के चक्कर लगाकर यह साबित करने में जुटे हैं कि उनके नाम व पते पर जो बाइक (एमपी-20 एमएक्स 6716) खरीदी गई है वे उसके मालिक ही नहीं हैं। पुलिस को भी अंदेशा है कि कूटरचित दस्तावेजों पर वाहनों की खरीद-फरोख्त का रैकेट चलाया जा रहा है। एसपी निमिष अग्रवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं। यातायात पुलिस ने ITMS के जरिए शिवप्रसाद के पते पर बाइक चलाते समय उन्होंने हेलमेट न पहनने को लेकर ई-चालान भेजा था।
2014 में खरीदी गई थी बाइक
शिवप्रसाद ने बताया कि ई चालान घर पहुंचने के बाद उन्होंने परिवहन विभाग का दरवाजा खटखटाया ताकि पता लगाया जा सके कि बाइक उनके नाम पर कैसे पंजीकृत कर दी गई। परिवहन विभाग के दस्तावेजों में उनके ही पहचान संबंधी दस्तावेज पाए गए।
एजेंसी की मिलीभगत की आशंका
शिवप्रसाद ने आशंका जाहिर की है कि नागरथ चौक के समीप स्थित एजेंसी से कूटरचित दस्तावेजों पर वाहनों की खरीद फरोख्त का गोरखधंधा चलाया जा रहा है। परिवहन विभाग ये पता चलने पर कि उनके नाम पर बाइक उसी एजेंसी से खरीदी गई है। वे एजेंसी पहुंचे, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें बाइक की खरीदी से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी देने से इनकार कर दिया।