भाेपाल। सरकारी उपक्रम एवं प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए गुडन्यूज है। अब वो कर्मचारी पेंशन योजना (EPF) 1995 के तहत 60 साल की उम्र तक अपना अंशदान दे सकते हैं। अब तक वो 58 साल की उम्र तक भविष्य निधि यानी पीएफ फंड में अंशदान दे सकते थे। इससे उन्हें काफी फायदा होगा। बस एक शर्त है कि 58 वर्ष की आयु पूरी हाेने के एक महीने पहले इन्हें एक सादे कागज पर आवेदन देकर उसे अपने नियोक्ता से अप्रूव कराना हाेगा। फिर इस आवेदन काे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन- ईपीएफओ के दफ्तर में देना हाेगा।
पत्रकार श्री अनूप दुबाेलिया की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 25 अप्रैल 2016 काे इस बारे में गजट नाेटिकेशन जारी किया था। पीएफ विशेषज्ञ कहते हैं कि ईपीएफओ के ज्यादातर दफ्तराें ने इस पर अमल नहीं किया था। इस वजह से लाखाें कर्मचारियों काे इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं हाे सकी। इसी वजह से अभी तक किसी भी कर्मचारी काे इसका फायदा नहीं मिल सका। ईपीएफओ रीजनल कमिश्नर-1 एसके सुमन का कहना है कि नोटिफिकेशन में यह प्रावधान विकल्प के ताैर पर किया गया था। गजट नोटिफिकेशन के बारे में संचार माध्यमों के जरिए जानकारी भी दी गई। कर्मचारी 58 साल की उम्र पूरी हाेने से पहले अावेदन काे नियोक्ता से अप्रूव कराकर दफ्तर में जमा कर सकते हैं।
ऐसे समझें -
मान लीजिए सरकारी सार्वजनिक उपक्रम के किसी कर्मचारी का मूल वेतन 75,400 रुपए है। इस हिसाब से इन्हें महंगाई भत्ता 6786 रुपए मिलेगा। इस पूरी राशि का 12 प्रतिशत 9862 रु. कर्मचारी के वेतन से काटकर पीएफ फंड में जमा हाेंगे। इतनी ही यानी 9862 रु. बताैर अंशदान नियोक्ता भी मिलाएंगे। तय मापदंड के अनुसार नियोक्ता के अंशदान 9862 रु. में से 1250 रुपए कर्मचारी के पेंशन फंड में जमा हाेंगे। 1250 रु. घटाकर बची राशि 8612 रु. कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा हाेंगे। इससे कर्मचारी के पीएफ फंड में हर माह 8612 रुपए नगद जमा हाेंगे। इस तरह दाे साल में राशि 2 लाख 6 हजार 688 रु. का फायदा हाेगा। रिटायर हाेने पर कर्मचारी काे अतिरिक्त दाे साल की यह राशि मिलेगी।
किसी निजी कंपनी या कारखाने के किसी कर्मचारी का मूल वेतन और डीए यदि 20,000 रुपए है। इनके 2400 रु. पीएफ फंड में जमा हाेंगे। इतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा मिलाई जाएगी। नियोक्ता के अंशदान 1250 रु. में से 1150 रु. कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में जमा हाेंगे। दाे साल में इन्हें 27,600 का फायदा हाेगा।
किसी कर्मचारी का मूल वेतन व डीए 7000 रु. है। इनके 840 रु.बताैर अंशदान जमा हाेगा। 840 रु. नियोक्ता के अंशदान में से घटाकर 257 हर माह कर्मचारी के पीएफ फंड में जाएंगे। दाे साल में इन्हें 6168 रुपए का लाभ हाेगा।
कर्मचारियों के मूल वेतन और डीए की 12 फीसदी राशि बताैर अंशदान काटी जाती है :
ईपीएफ एक्सपर्ट चंद्रशेखर परसाई बताते हैं कि स्कीम के दायरे में आने वाले कर्मचारी का मूल वेतन और डीए की 12 फीसदी राशि बताैर पीएफ अंशदान काटी जाती है। इतनी ही राशि पीएफ में नियोक्ता द्वारा बताैर अंशदान जमा कराई जाती है। इसे ही पीएफ फंड कहते हैं।