सतना। आजाद अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष भरत पटेल व प्रान्तीय प्रवक्ता विनय कनौजिया ने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल से दिनाँक 01 मई 2019 को मध्यप्रदेश के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को शिक्षाकर्मी, गुरुजी एवं संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में सामिल हुये अध्यापकों का वेतन निर्धारण कर सेवा पुस्तिका का अनुमोदन कराने के आदेश जारी किया गया है।
इस आदेश निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि समस्त जिला शिक्षा अधिकारी दिनाँक 08 मई 2019 तक समस्त अध्यापक संवर्ग की सेवा पुस्तिका का अनुमोदन जिला पंचायत के वरिष्ठ लेखापाल व लेखापाल से करवाकर दिनाँक 20 मई 2019 को पूर्णता का प्रमाणपत्र संचालनालय को देंगे। यह आदेश निर्देश विभागीय वीडियो कांफ्रेंसिंग 26 अप्रैल 2019 को भी दिये गए थे।
आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र पटेल एवं मनीष कुमार शर्मा का कहना है कि इस आदेश निर्देश से अध्यापक संवर्ग की समस्त वेतन विसंगति समाप्त हो जायेगी। और शिक्षाकर्मी से अध्यापक बने अध्यापकों को तीन विशेष वेतन बृद्धि मिलेगी। और दिनाँक 16 मई 2006 से या उसके बाद सेवा अवधि में रहते हुये परिवार नियोजन की विशेष वेतन बृद्धि शासन आदेशानुसार जारी रहेगी। और इस आदेश में गुरूजी की सेवा अवधि की गणना कब से करना है वह स्पष्ट कर दिया गया है।
सबसे बड़ी विसंगति क्या थी ?
संघ के प्रान्तीय प्रवक्ता विनय कनौजिया ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या 2006 के बाद नियुक्ति अध्यापक की वेतन विसंगति थी, वह भी इस आदेश से दूर हो जायेगी। क्योंकी छठवें वेतन के आदेश 07 जुलाई 2017 से जो वेतन निर्धारित किया गया था वह सेवा अवधि पूर्ण वर्षो से किया गया था। उन्हें 2000 से 4000 रुपये का घाटा हो रहा था इसी सम्बन्ध में कई याचिकाएँ माननीय उच्चन्यायालय जबलपुर में चल रही हैं। जबकि इस आदेश से वेतन तत्स्थानीय वेतनमान से निर्धारित किया जायेगा।
आजाद अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष भरत पटेल ने बताया कि यह सब कवायत अध्यापक संवर्ग का शिक्षक संवर्ग में नियुक्ति (शैक्षणिक संवर्ग) में सातवें वेतनमान का निर्धारण के लिये शासन स्तर से किया जा रहा है, आजाद अध्यापक संघ का मानना है कि इस आदेश /स्पष्टीकरण से अध्यापक संवर्ग की वेतन विसंगति समाप्त हो जायेगी और इससे सेवा पुस्तिका का अनुमोदन हो जायेगा। भविष्य में रिकवरी की गुंजाइश नही रहेगी।