भोपाल। चुनाव ड्यूटी के नाम पर कर्मचारियों पर अत्याचार जारी है। पिछले दिनों बीमार कर्मचारियों को पोलिंग पार्टियों में भेजा गया और मौतें भी हुईं। अब धात्री माताओं यानी दुधमुंहे बच्चों की माताओं को पोलिंग पार्टी में जाने के आदेश दे दिए गए हैं। यह नियुक्तियां अन्यायपूर्ण हैं। इन्हे तत्काल सुधारना चाहिए।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार एवं सचिव यशवंत जोशी ने अपनी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लोकसभा चुनाव में शेष रहे संसदीय क्षेत्रों में कुछ मतदान दलों में ऐसी महिला कर्मचारियों को लगाया गया है जिनके बच्चों की उम्र दो वर्ष से कम है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शेष रहे संसदीय क्षेत्रों के आरओ एवं जिला कलेक्टर से निवेदन है कि ऐसे प्रकरणों की तत्काल समीक्षा कर संवेदनापूर्वक इनकी ड्यूटी निरस्त कर इनके स्थान पर निर्वाचन ड्यूटी से वंचित शेष रहे जो अभी भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है; या आरक्षित दलों के कर्मचारियों में से ड्यूटी लगाई जावे। धात्री माताओं की निर्वाचन ड्यूटी अंतिम विकल्प होना चाहिए।