नई दिल्ली। ओडिशा में तूफान ने कहर बरपाया है। 13000 किलो से ज्यादा वजन की यात्री बस आंधी में पलट गई। सड़क पर खड़ी कारें उड़ गईं। इतना ही नहीं करीब 6 लड़कियां दरवाजा बंद कर रहीं थीं, आंधी की चपेट में आकर उड़ीं घायल हो गई।
245 की स्पीड से चली आंधी, 10 हजार गांव, 52 शहर खाली, 11 लाख लोग राहत केंप में
Cyclone Fani बंगाल की खाड़ी में उठे समुद्री तूफान फानी ने शुक्रवार को पुरी सहित ओडिशा के अन्य जिलों में जमकर तबाही मचाई। इस दौरान तीन अलग-अलग घटनाओं में तीन की मौत हो गई। पुरी में जहां 245 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चली, वहीं अन्य हिस्सों में 175 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई। समुद्र में उठती ऊंची-ऊंची लहरों से लोग दहशत में रहे। तेज हवा से हजारों पेड़, झोपड़ियां और घर के छप्पर उजड़ गए। कई जगहों पर भूस्खलन हुआ। बिजली व्यवस्था और संचार व्यवस्था चरमरा गई है। कोलकाता-चेन्नई रूट पर 220 से अधिक ट्रेनें शनिवार से रद्द हैं। भुवनेश्वर हवाई अड्डे से शुक्रवार को सभी उड़ानें रद रहीं। इससे पहले 11 लाख लोगों को प्रभावित इलाकों से पहले ही हटा लिया गया था, जिससे नुकसान काफी कम हुआ। 10,000 गांवों और 52 शहरी क्षेत्रों को खाली करा लिया गया था।
बांग्लादेश की ओर मुड़ा तूफान
पुरी से गुजरने के बाद फानी चक्रवात खुर्दा, भुवनेश्वर, कटक, भद्रक, व बालेश्वर होते हुए पश्चिम बंगाल से गुजर कर बांग्लादेश की ओर चला गया। इससे पहले फानी तूफान का बाहरी आवरण शुक्रवार को सुबह करीब नौ बजे पुरी जिले के गोपालपुर और चांदबली के बीच जमीन से टकराया। उस समय इसकी गति सौ किमी प्रति घंटे थी। जैसे-जैसे तूफान का केंद्र तट की ओर बढ़ता गया इसकी गति भी तीव्र हो गई। जब तूफान का केंद्र सुबह करीब दस बजे पुरी में तट से टकराया तो उस समय उसकी रफ्तार 245 किमी प्रति घंटा मापी गई। जो धीरे धीरे कमजोर पड़ती चली गई। पिछले 43 साल में यह सबसे तीव्र गति का तूफान था।