ग्वालियर। हाई कोर्ट की युगल पीठ ने प्रमुख सचिव राजस्व विभाग व गुना कलेक्टर को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है और 16 मई को सजा सुनने के लिए तलब किया है। कलेक्टर ने कब्रिस्तान की जमीन को लेकर कोर्ट को गुमराह किया है।
बलराम पटवा ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रवींद्र दीक्षित ने तर्क दिया कि गुना जिले के राघवगढ़ में जमीन कब्रिस्तान के लिए अलॉट की गई थी, लेकिन इंतजामिया कमेटी ने उस जमीन पर 60 दुकानों का निर्माण करा दिया है। कोर्ट ने वर्ष 2009 में आदेश दिया कि कलेक्टर मामले की जांच करें और जमीन पर अवैध निर्माण हुआ है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को यथावत रखा। इसके बाद फिर से हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।
कलेक्टर ने जवाब पेश किया कि जमीन से दुकान हटाने की जरूरत नहीं है। वहीं, तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सर्वे क्रमांक 982 की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज है। कलेक्टर ने जमीन को लेकर कोर्ट को गुमराह कर दिया। इसको लेकर कोर्ट ने उन्हें अवमानना का दोषी माना है। प्रमुख सचिव व कलेक्टर गुना को सजा सुनने के लिए 16 मई को तलब किया है।