ग्वालियर। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश के चलते सभी रेलवे स्टेशनों को ईको स्मार्ट बनाया जाएगा। पहले चरण में ग्वालियर सहित 37 स्टेशनों पर काम किया जाएगा इसके तहत स्टेशनों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। रेलवे ने स्टेशन स्तर पर डायरेक्टर, मैनेजर, मंडल स्तर पर एडीआरएम और जोन स्तर पर असिस्टेंट जनरल मैनेजर की जिम्मेदारी तय की है। वह रेलवे की ओर से बनाए गए एक्शन प्लान को लागू करवाएंगे और मॉनिटरिंग करेंगे।
3 महीने में 37 स्टेशनों को ईको स्मार्ट बनाने होंगे
एनजीटी ने रेलवे को स्टेशन और पटरियां साफ रखने के आदेश दिए है इसके तहत पहले चरण में रेलवे को 3 महीने में देश के 37 स्टेशनों को ईको स्मार्ट बनाने होंगे। एनजीटी ने रेलवे से एक्शन प्लान और ऐसे अधिकारियों की सूची भी मांगी है जिन पर स्टेशन और रेल पटरियों को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी है। आदेश में कहा गया है कि रेलवे पटरियों पर सुबह लोगों के खुले में शौच जाने, ट्रेनों से पटरियों पर गंदगी गिरने, स्टेशनों पर ठोस कचरा निस्तारण के मामले में संजीदा नहीं हुआ तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। रेलवे ने एनजीटी के आदेश के बाद अपने 16 जोन में इलाहाबाद, भोपाल, जयपुर और रायपुर सहित देश के 37 स्टेशनों के लिए रणनीति बनाई है।
भारतीय मानक ब्यूरो से तय एनवायरमेंट स्टैंडर्ड 14001 को हासिल करना होगा। पहले चरण में जिन 37 रेलवे स्टेशनों को ईको स्मार्ट बनाया जाएगा उनमें ग्वालियर, बिलासपुर, रायपुर, जोधपुर, जयपुर, अजमेरा, पुणे, नासिक, हावड़ा, सियालदाह, राजेन्द्र नगर, टर्मिनल, धनबाद, भुवनेश्वर, विशाखापटनम, नई दिल्ली, वाराणसी, लखनऊ, कटरा, फिरोजपुर, प्रयागराज, झांसी, आगरा, गुवाहाटी, कटिहार, रांची दीघा, हुबली, मैसूर, चेन्नई, तिरूचिरापल्ली, त्रिवेंद्रम, सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, काचीगुड़ा, जबलपुर, भोपाल मुंबई सेंट्रल और बड़ोदरा प्रमुख है।