ग्वालियर। मतदान के लिए लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। चुनाव के लिए लोगों में सम्मान है। वो देश के लिए वोट कर रहे हैं। हालांकि यह शोध का विषय है कि क्या प्रत्याशी भी देश के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। यहां एक पार्षद ने अपने पिता का रात में आनन-फानन अंतिम संस्कार कर दिया ताकि मतदान में व्यवधान ना हो। जबकि कोई कानून उन्हे ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं करता था।
मुरार के कैंटोनमेंट एरिया के वार्ड-5 के पार्षद चतुर्भुज कुशवाह के काशीपुरा (वार्ड-1) स्थित घर में यूनाइटेड स्कूल संचालित होता है। यहीं लोकसभा चुनाव के लिए दो मतदान केंद्र 143 और 144 बनाए गए हैंं। जहां रविवार को सुबह 7 बजे से वोट डाले जाने थे। लेकिन श्री कुशवाह के पिता शंकर सिंह का आकस्मिक निधन शनिवार शाम 4 बजे हो गया। उनके रिश्तेदार आगरा और झांसी से आना थे, इसलिए तय था कि अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा। लेकिन श्री कुशवाह ने रविवार को मतदान प्रभावित होने की आशंका के कारण रिश्तेदारों का इंतजार किए बिना पिता की अंत्येष्टि शनिवार रात को ही कर दी।
श्री कुशवाह कहते हैं कि पिता के निधन के बाद उन्होंने इस बारे में कलेक्टर से चर्चा की थी। चूंकि ऐन वक्त पर मतदान केंद्र बदलना संभव नहीं था और रविवार को अंतिम संस्कार किया जाता तो उनके नाते-रिश्तेदार यहां इकट्ठे होते, ऐसे में मतदान की व्यवस्था में व्यवधान पैदा हो सकता था, इसलिए उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर शनिवार रात को ही पिता का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया।