ग्वालियर। पुलिस महानिरीक्षक चंबल ने अवैध उत्खनन को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश पर अपना जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा है कि चंबल क्षेत्र में अवैध उत्खनन में कार्य में कोई भी संगठित गिरोह सक्रिय नहीं है। यह सत्य है कि एक आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र सिंह की उत्खनन माफिया के खिलाफ कार्यवाही में मौत हो गई थी। पुलिस और खनन विभाग की संयुक्त कार्यवाही में यहां अवैध उत्खनन पर नियंत्रण लगा है।
न्यायालय ने आईजी से पूछा, क्या क्षेत्र में संगठित गिरोह सक्रिय है
एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर द्वारा एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के माध्यम से मुरैना टोल प्लाजा पर पूर्व मंत्री के पुत्र द्वारा की गई फायरिंग पर एफआईआर दर्ज कराने वाले एसपी का स्थानांतरण करने को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका पर यह जवाब प्रस्तुत किया गया है। यह याचिका इस क्षेत्र में चल रहे संगठित गिरोहों द्वारा किए जा रहे अवैध उत्खनन को लेकर प्रस्तुत की गई है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने आईजी से पूछा था कि क्या क्षेत्र में संगठित गिरोह सक्रिय है।
अवैध उत्खनन करने वालों पर 248 आपराधिक मामले दर्ज
आईजी ने जवाब में कहा कि 1 जनवरी 2019 से 30 अप्रैल 2019 तक अवैध उत्खनन करने वालों पर 248 आपराधिक मामले दर्ज किए गए है। इनसे 5 लाख 70 हजार रुप्ए जुर्माने के जब्त किए गए है। पुलिस ने इस दौरान 6 जेसीबी, 1 पोकलेन, 1 एलएनटी, 19 ट्रेक्टर ट्रालियां, 2 ट्रक और 2 डम्फर बरामद किए है। पुलिस और खनिज विभाग द्वारा वर्ष 2017 से अब तक की अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई में कुल 18 जेसीबी, 6 पोकलेन, एलएनटी मशीन 6, 248 वाहन, 71 ट्रक, 1 लोडर, 21 डम्फर बरामद किए है साथ ही 73 लाख 55 हजार रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए गए है।