GWALIOR: ग्वालियर में बीते रोज शताब्दीपुरम (Shatabadipuram) के क्षेत्रीय लोगों और GDA व निगम कर्मचारियों के बीच भारी तनाव की स्थिति निर्मित हो गई, कल देर शाम अवैध निर्माण ढहाने पहुंचे जीडीए और नगर निगम के मदाखलत अमले पर पथराव कर लोगों ने हमला बोल दिया। भीड़ ने अपना आक्रोश कर्मचारियों के वाहन पर पथराव कर वाहनों के कांच फोड़े। लोगों का गुस्सा चरम पर देख अधिकारी जान बचाकर भागे तो भीड़ भी बंदूकें, लाठी-डंडे लेकर उनके पीछे दौड़ पड़ी। घटना में आधा दर्जन वाहनों के कांच फूटे, तीन कर्मचारी घायल हुए। गोली चलने की भी आवाजें आईं। देर रात तक इस मामले में FIR को लेकर निगम और पुलिस के बीच झगड़ा चलता रहा। बताया जाता है कि शताब्दीपुरम जीडीए की कॉलोनी है। मोहन सिंह की पत्नी राजाबेटी और भीकम सिंह, भागीरथ सिंह, नारायण सिंह, सिकन्दर सिंह, जंडेल सिंह, रामाधार सिंह पुत्रगण मोहन सिंह निवासी पदमपुर खेरिया ने ग्राम मऊ की 1.035 हेक्टेयर जमीन जीडीए को हस्तांतरित की थी। इसके बदले जीडीए ने ए और एफ ब्लॉक में 20 भूमि स्वामियों को 20 प्लॉट आवंटित किए थे। भूमि स्वामियों ने कुछ प्लॉट पर निर्माण शुरू कर दिया। लेकिन उन्होंने जीडीए से एनओसी और नगर निगम से भवन मंजूरी नहीं ली। इसलिए उन्हें अवैध निर्माण बताते हुए जीडीए ने तोड़ने के लिए एक दिन पहले निगम को पत्र लिखा था।
पुलिस को बताया भी नहीं और शुरू की तोड़फोड़
नगर निगम के सिटी प्लानर ज्ञानेन्द्र सिंह जादौन (Gyanendra Singh Jadoun) ने आनन-फानन में अवैध निर्माण ढहाना की योजना बनाई। मदाखलत के नोडल अधिकारी सतपाल सिंह चौहान और मदाखलत अधिकारी महेन्द्र शर्मा को अमले के साथ शाम 5 बजे मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। शाम को ही जीडीए अधिकारियों को सूचित कर वहां पहुंचने को कहा। 6 बजे वहां जीडीए के अधीक्षण यंत्री सुभाष सक्सेना, सहायक यंत्री विजय भंडारी, रवि गुप्ता भी पहुंच गए। चूंकि बड़ी कार्रवाई थी इसलिए पुलिस को सूचना देना चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया। बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शहर में आ रहे हैं। इसे लेकर पुलिस व्यस्त है। ऐसी स्थिति में अचानक इतनी बड़ी कार्रवाई के लिए जाना भी अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है।
कार्यवाही शरू होते ही हुआ पथराव
निगम की जेसीबी ने जैसे ही निर्माणाधीन दुकानों और मकानों की तोड़फोड़ की तो पीड़ित पक्ष आ खड़ा हुआ। उन्होंने कहा कि नोटिस दिए बिना वे तोडफोड़ नहीं कर सकते लेकिन सिटी प्लानर ने उनकी एक बात नहीं सुनी। बल्कि चेतावनी दी कि विरोध न करें। ऐसा किया तो गिरफ्तार करा दिया जाएगा। इससे लोग आक्रोशित हो गए और पथराव कर दिया। अचानक हुए घटनाक्रम से भगदड़ मच गई। अधिकारी वाहन छोड़कर भाग खड़े हुए। जिसे जहां जगह मिली वहीं छुप गया। भीड़ ने सुभाष सक्सेना और निगम अधिकारियों की गाड़ियां के कांच फोड़ दिए। जेसीबी मशीनों की तोड़फोड़ कर दी। पत्थर लगने ने जीडीए के इंजीनियर रवि गुप्ता, जेसीबी का वाहन चालक सुरेश शर्मा को सिर में चोट लगी।
बाद में पहुंची पुलिस
घटना के बाद निगम अधिकारियों ने पुलिस और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक हमलावर जा चुके थे। घटना में हवाई फायर की चर्चा है लेकिन पुलिस इसकी पुष्टि कर रही है।ज्ञानेन्द्र सिंह जादौन, सिटी प्लानर ननि का कहना है कि जीडीए ने अवैध निर्माण तोड़ने का आवेदन दिया था। इस कारण शाम को मौके पर मदाखलत अमला लेकर पहुंचे। तुड़ाई शुरू होते ही 40-50 लोग आ गए और पथराव कर दिया। वाहनों की तोड़फोड़ कर दी और हवाई फायर की भी आवाज आईं। हमें जान बचाकर भागना पड़ा। कार्रवाई से पहले पुलिस बल मांगा था लेकिन कोई जवान नहीं पहुंचा। रिपोर्ट भी नहीं लिखी।
महाराजपुरा थाना प्रभारी राजेन्द्र वर्मन ने कहा कि निगम ने एक प्राइवेट ड्राइवर को भेजा था। इसलिए उसके आवेदन पर शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज नहीं किया। कार्रवाई से पहले हमने कोई पुलिस बल नहीं मांगा। गोली चलने की सूचना मिली है, इसकी तस्दीक की जा रही है।