इंदौर। किसी व्यक्ति, जगह या इवेंट को सही तरीके से चलाना या कंडक्ट करना ही मैनेजमेंट है। अकादमिक समीकरण देश में तेजी से बदल रहे हैं और इस बदलाव के साथ अपडेट रहने के लिए मैनेजमेंट ज़रूरी है। हमें खुद को इस तरह तैयार करना होगा कि हम अपने स्टूडेंट्स को इतना सक्षम बना सकें कि भविष्य के लिए वे खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर सकें।
यदि आप एक अच्छे लर्नर बनना चाहते हैं तो देखें कि चीजें कैसे काम करती हैं और उस चीज़ या इवेंट का उद्देश्य का है। "बिकमिंग ए मैनेजमेंट एकेडमिक' विषय पर आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर अभिनंदन जैन ने ये बातें आईआईएम इंदौर में हुई गेस्ट टॉक में कही। प्रोग्राम कॉर्डिनेटर प्रोफेसर सुबीन सुधीर ने वेलकम एड्रेस दिया और प्रोफेसर रंजीत नम्बुदिरी ने प्रोफेसर जैन का परिचय दिया।
यदि हम स्टूडेंट्स को भविष्य के लिए तैयार करना चाहते हैं, उन्हें एम्प्लॉयएबल बनाना चाहते हैं तो टीचर्स को तकनीक के ज़रिए कोई एक रास्ता निकालना होगा। तेजी से हो रहे बदलावों से यदि खुद को अपडेट रखना है तो हमें नया सीखने के साथ पुराने को भूलना और उसे फिर से सीखना होगा। यानी कुछ नया लर्न करने के लिए पुराना डीलर्न करना होगा और फिर नया सीखना होगा। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को नई चीजों को स्वीकारने के साथ उनके अनुरूप बदलने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ तकनीक सा डिजिटाइजेशन से टीचिंग में एडवांसमेंट नहीं होता बल्कि एकेडमिक लर्निंग को वर्कप्लेस लर्निंग से जोड़ना भी होगा। हमें खुद के साथ दूसरों के डिसिप्लिन से भी सीखना होगा। ऐसे क्रॉस कल्चरल रिसर्च प्रोजेक्ट, कन्टेक्स्ट को अपडेट करते हैं जिनमें कई विषयों के स्टूडेंट्स और फैकल्टीज़ शामिल होते हैं। चूंकि ऐसे प्रोजेक्ट्स में दूसरों के पर्सपेक्टिव को भी समझते हैं इसलिए इनका प्रभाव पूरे ग्रुप के साथ उससे जुड़े हर शख्स पर दिखाई देता है।
यदि आप एक बेहतर इंसान बनना चाहते हैं तो दूसरों से सीखें। उनकी गलतियों के साथ उन्हें ऑब्ज़र्व करते हुए नई चीजें सीखें। जजमेंट की ये सीख जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। अपने नॉलेज को हमेशा बढ़ाने की कोशिश करें और उसे बढ़ाने के साथ दूसरों को कैसे दिया जा सकता है ये भी सोचें। बेहतर इंसान बनने के साथ ये सोसायटी में आपका योगदान भी बढ़ाएगा।