इंदौर। खंडवा रोड स्थित आईआईटी कैंपस की बायो इंजीनियरिंग व बायो साइंस लैबोरेटरी में मंगलवार रात आग लग गई। जब तक उस पर काबू पाया जाता, तब तक लैब में रखे लाखों रुपए के रिसर्च उपकरण खाक हो चुके थे। जानकारी के अनुसार, देर रात कैंपस में बायो साइंस व बायो इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बनी लैब से धुआं उठता देख कुछ छात्रों ने इसकी सूचना डायरेक्टर प्रदीप माथुर को दी। जब वे पहुंचे, तब तक आग बढ़ चुकी थी। इसी दौरान सिमरोल थाने व फायर ब्रिगेड इंदौर को भी सूचना दी गई।
आनन-फानन में परिसर में रखे अग्निशमन यंत्रों की मदद से तुरंत आग बुझाने के प्रया स शुरू किए गए। कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया गया। मीडिया कोऑर्डिनेटर राहुल शर्मा ने बताया कि संभवत: एसी में शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी होगी। लैब में लाखों रुपए के रिसर्च उपकरण रखे हुए थे।
आग लगने की सूचना मिलते ही इंदौर से फायरबिग्रेड की गाड़ियां रवाना हो गई थी। लेकिन परिसर की दूरी अधिक होने से उन्हें पहुंचने में समय लगने की संभावना थी। इस दौरान आग परिसर की अन्य इमारतों को भी चपेट में ले सकती थी। इस बीच स्टाफ और विद्यार्थियों ने परिसर में मौजूद संसाधनोंसे ही आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए। आईआईटी परिसर में जितने भी अग्निशमन यंत्र थे, सभी को लाया गया और आग बुझाना शुरू की गई। सामूहिक प्रयासों से फायर बिग्रेड के पहुंचने के पहले ही आग पर काबू पा लिया गया।
जीएनटी टिंबर मार्केट में लगी आग पर 12 घंटे में पाया काबू
इंदौर के चंदन नगर थाना स्थित जीएनटी टिंबर मार्केट में सोमवार रात लगी आग मंगलवार सुबह तक धधकती रही। दमकल की टीम ने 12 घंटे मशक्कत की, जिसके बाद आग पूरी तरह बुझ पाई। सुबह फायर ब्रिगेड ने दोबारा जेसीबी मशीन बुलवाई और पीठे में रखे सामान को निकलवाया। फायर ब्रिगेड के मुताबिक, चार पीठों में आग लगी थी। आग राजन टिंबर से शुरू हुई थी, जो पड़ोस में के रमेश सैनी, इंदरसिंह और मनजीत कौर के पीठे तक फैल गई। एएसआई बीएल हुड्डा ने बताया कि सोमवार रात 9 बजे आग की सूचना मिली थी। टीम ने मंगलवार सुबह 9 बजे आग पर पूरी तरह काबू पा लिया था।