जबलपुर। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर सहित आसपास के इलाकों में गरीबी का आलम यह है कि लोग अपनी बेटियों को बेचकर जीवन यापन कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में यहां से सैंकड़ों लड़कियां राजस्थान में बेच दी गईं हैं। ज्यादातर के हालात मजदूर व सेक्स वर्कर से भी बुरे हैं लेकिन फिर भी वो लौटना नहीं चाहतीं, क्योंकि प्रताड़नाओं के बावजूद उन्हे वक्त पर भोजन मिल रहा है।
अधारताल थाना क्षेत्र निवासी युवती को मुक्त कराने पहुंचे लोगों में से एक ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर यह जानकारी दी है। अधारताल क्षेत्र निवासी युवती को मानव तस्करी का गिरोह चलाने वाली आरती यादव नामक महिला बहला फुसलाकर राजस्थान ले गई थी। जहां उसे दो लाख रुपए में एक अधेड़ के हाथों बेचकर लौट आई। कंचनपुर क्षेत्र में किराए से रहने वाली आरोपित महिला मकान खाली कर भाग चुकी है। इधर, मंगलवार को एएसपी राजेश त्रिपाठी ने अधारताल पहुंचकर फिर पीड़ित युवती व परिजन के बयान लिए। बताया जाता है कि कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे भी कड़ी पूछताछ की जा रही है।
मोबाइल नेटवर्क के सहारे रातभर दबिश देती रही पुलिस टीमें
संदेहियों को पकड़ने के लिए उनके मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर पुलिस टीमें मंगलवार को रातभर संभावित ठिकानों पर दबिश देती रहीं। इस दौरान कुछ संदेहियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली है। बताया जाता है कि संदेहियों से मानव तस्करी के बारे में पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी तक कोई ठोस सबूत पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। मानव तस्करी का गिरोह चलाने वाली आरती का मायका घाना खमरिया में है। अधारताल पुलिस टीम ने वहां भी दबिश दी लेकिन आरती का पता नहीं चल पाया। राजेश त्रिपाठी, एएसपी सिटी का कहना है कि राजस्थान से लाई गई युवती के बयान के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। उसे राजस्थान ले जाने वालों की तलाश की जा रही है।