जबलपुर। सिमी (SIMI) यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया संगठन के प्रतिबंध को लेकर रविवार को कलचुरी होटल में ट्रिब्यूनल (Tribunal)ने सुनवाई की। इस ट्रिब्यूनल में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की जस्टिस मुक्ता गुप्ता के अलावा प्राधिकरण के अन्य सदस्य मौजूद थे। सिमी संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है। इस प्रतिबंध को बनाए रखने या निरस्त करने से जुड़ी सुनवाई रविवार व सोमवार को आयोजित की गई है। पहले दिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से जुड़े प्रकरणों में गवाह पेश होने की जानकारी मिली है। इनमें से 3 मामले मध्यप्रदेश के और 1 छत्तीसगढ़ से जुड़ा है। सोमवार को ट्रिब्यूनल दूसरे दिन की सुनवाई में संबंधित पक्षों को सुनेगा।
केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 के तहत स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को गैर कानूनी संगठन घोषित किया है। जिस पर 1 फरवरी 2019 से जनवरी 2024 तक प्रतिबंध बढ़ाया जा चुका है। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस की अध्यक्षता वाली ट्रिब्यूनल ऐसे सभी प्रकरणों को लेकर देश भर में सुनवाई कर रही है।
मध्यप्रदेश के बाद जून व जुलाई माह में भी देश के अन्य राज्यों में ट्रिब्यूनल का जाना होगा। वहां भी इसी तर्ज पर उन राज्यों के वास्तविक हालातों व प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी। ट्रिब्यूनल के लिए जारी पब्लिक नोटिस में यह बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति साक्ष्य देना चाहता है तो वह ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत हो सकता है। साक्ष्य देने के लिए उसे शपथपत्र भी प्रस्तुत करना होगा। लेकिन यह साक्ष्य संबंधित प्रकरणों से जुड़े ही होंगे।