साख पर संदेह करने वालो के प्रति सख्त हो चुनाव आयोग Khula Khat by Arvind Rawal

भारत निर्वाचन आयोग की प्रदत शक्तियों व दिशा निर्देशों का पालन करते हुए देश की विभिन्न शासकीय सेवाओ के लाखों अधिकारियों कर्मचारियों  ने पूर्व चुनाओ की तरह इस बार भी लोकसभा 2019 के चुनाव पूर्ण सत्यनिष्ठा व ईमानदारी के साथ के सम्पादित करवाये है। निर्वाचन से जुड़े देशभर के लाखों अधिकारी कर्मचारी रात दिन एक करके भयावह विषम परिस्थिति में अपनी जान की बाजी लगाकर निर्वाचन से जुड़ा हर कार्य पूर्ण ईमानदारी से करता है। लेकिन पिछले कुछ चुनावो से प्रायः यह देखने मे आ रहा है कि हारने वाला अमूमन हर दल अपनी हार का ठीकरा निर्वाचन आयोग और ईवीएम मशीनों पर फोड़कर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचन से जुड़े हम  विभिन्न शासकीय सेवाओ के लाखो अधिकारी कर्मचारीयो का अपमान करते आये है। 

लोकसभा 2019 की मतगणना के पूर्व भी कुछ राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग ओर चुनाव में  प्रयुक्त ईवीम एवं वीवीपीएट मशीनों में  शंका जाहिर कर एक बार पुनः प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचन से जुड़े विभिन्न शासकीय सेवाओ के लाखो अधिकारी कर्मचारियों की विश्वसनीयता व ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाने का माहौल देश की जनता के समक्ष किया जा रहा है। 

मैं माननीय मुख्य चुनाव आयुक्त से देश की विभिन्न शासकीय सेवाओ के लाखो अधिकारियों और कर्मचारियो की ओर से यह निवेदन करता हु कि जो भी राजनीतिक दल  निर्वाचन आयोग व उसके द्वारा निर्वाचन की कार्यवाही पर संदेह करते है तो उनके संदेह को देश की जनता के समक्ष दूर करे। यदि राजनीतिक दल द्वारा किया गया सन्देह या आरोप सच साबित होता है तो निर्वाचन कार्य से जुड़े उन सभी छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों ओर कर्मचारियों पर कार्यवाही करे और यदि राजनीतिक दलो के सन्देह या आरोप गलत सिद्ध होते है तो उनकी व उनके राजनेताओं की मान्यता खत्म कर उस पार्टी के नेताओ को देश मे  5 साल तक किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाए। 

अगर देश की जनता के मन मे लोकतंत्र की आस्था को ईमानदारीपूर्वक जीवित रखना है तो भारत सरकार और भारत निर्वाचन आयोग को राजनीतिक दलों व उनके सदस्यों के आरोप गलत सिद्ध होने पर उनके  प्रति भी तत्काल उसी प्रकार के कड़ी शख्त कार्यवाही करनी होगी जिस तरह वह निर्वाचन के दौरान लापरवाही करने पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों पर करता है। निर्वाचन आयोग को  अपनी व अपने अधीनस्थ विभिन्न शासकीय सेवाओ के लाखों अधिकारियों और कर्मचारियों की  विश्वसनीयता व ईमानदारी को देश की जनता के जनमानस में कायम रखना है तो उसे राजनीतिक दलों के प्रति ओर ज्यादा कठोर होना पड़ेगा।
अन्यथा  यू ही हर बार राजनीतिक दल अपनी हार का ठीकरा  चुनाव आयोग व उसके अमले की ईमानदारी पर फोड़ते रहेंगे।
अरविंद रावल
51 गोपाल कॉलोनी झाबुआ म. प्र.
मोबाईल न. 9669902421
ईमेल- arvind.rawal69@gmail.com
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