भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय में हुए नौकरी घोटाला की जांच के क्रम में ईओडब्ल्यू के हाथ कुछ बड़े क्लू लग गए हैं। ऐजेंसी अब 19 प्रोफेसरों के रिकॉर्ड खंगाल रही है ताकि कुछ और सबूत हाथ आ जाएं। अभी पूर्व कुलपति बी के कुठियाला के आरोपों से जुड़े पूरे दस्तावेज नहीं मिले हैं।
सरकार बदलते ही MCU में शिवराज सरकार के दौरान किए गए घोटाले की जांच शुरू हो गयी थी। इसमें नौकरी घोटाला सबसे बड़ा है। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर केवल आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों को नौकरियां दी गईं। MCU को आरएसएस की विचारधारा का अड्डा बना दिया गया था। EOW ने बचे हुए रिकॉर्ड को बुलाने के लिए एमसीयू के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है। EOW ने आरोपी प्रोफेसरों से जुड़े दस्तावेजों को एमसीयू से मांगा था। एमसीयू ने तमाम प्रोफेसरों के संबंध में तमाम दस्तावेज भेज दिये हैं। इन्हीं दस्तावेजों का वेरीफिकेशन और उनसे जुड़े विभागों के अधिकारियों के बयान भी लिये जा रहे हैं।
हो सकती है गिरफ्तारी
वेरीफिकेशन के दौरान सबूतों के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। अगर कोई सबूत नहीं मिला तो आरोपी बरी भी किए जा सकते हैं। इसके अलावा तत्कालीन कुलपति कुठियाला के मौजूदा दस्तावेजों की जांच भी की जा रही है।
20 प्रोफेसर हैं आरोपी
EOW ने माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जुड़े घोटाले को लेकर कुठियाला सहित बीस लोगों के खिलाफ तमाम धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। उन्हीं मामलों की जांच की जा रही है, जांच में सबूतों के आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ेगी जो गिरफ्तारी तक जा सकती है।