भोपाल। प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें एवं अध्यापक संवर्ग को छठे वेतनमान के आधार पर देय एरियर की द्वितीय किश्त का भुगतान मई माह के प्रथम सप्ताह में किया जाना था जो वेतननिर्धाण की आड़ में नही किया गया।
मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि वित्त विभाग एवं संचालनालय कोषलेखा मप्र के स्पष्ट दिशा निर्देश के बावजूद प्रदेश भर में संबंधित आहरण-संवितरण अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते मई माह का पखवाड़ा बितने पर भी कर्मचारियों एवं अध्यापक संवर्ग को देय एरियर की द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं किया गया। कई जिलों में तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान का एरियर भी वर्षों से लंबित है। विभाग एवं आहरण संवितरण अधिकारियों की जवाबदेही है कि समय पर वेतननिर्धाण अनुमोदन करवाये, इसी बहाने भुगतान को लंबित रखा जा रहा है।
वेतननिर्धाण अनुमोदन की आड़ में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है। इससे प्रदेश में प्रभावित कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। विडम्बना है कि आला अधिकारियों के दिशा-निर्देशों की जवादारों द्वारा सामूहिक रूप से धज्जियां उड़ाई जा रही है। समय पर भुगतान न करना भी भ्रष्टाचार का अनोखा तरीका है। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ मांग करता है कि चालू माह में देय एरियर भुगतान करवाकर कर्मचारियों का वाजिब हक दिलवाया जावे।
यदि ऐसा नहीं किया गया तो निर्वाचन के बाद मजबूरन आंदोलन के लिए कुपित कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा। आला अधिकारियों के दिशा-निर्देश का समय-सीमा में पालन न करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय कर योग्य अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित हो ताकि इस प्रवृत्ति पर रोक लग सके।