डी के सिंगौर/मंडला। ट्रायवल जिलों में कार्यरत अध्यापकों के सामने इस समय वेतन की समस्या बनी हुई है। महीने की 20 तारीख निकल गई पर अभी तक वेतन नहीं हुआ। जबकि कई संकुलों में दो महीने से वेतन नहीं हुई।
राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर ने बताया कि यह समस्या अध्यापक संवर्ग के ट्रायवल विभाग में मर्ज होने की प्रक्रिया के कारण है।यह समस्या अध्यापकों का वेतन रेगुलर वेतन हेड से दिए जाने की कवायद के चलते हो रही है । जिसके लिए अध्यापक और विभाग में मर्ज शिक्षकों को एंप्लॉयी कोड जारी किये जा रहे हैं । विभाग का दावा है कि एंप्लॉयी कोड जारी होने के बाद वेतन नियमित रूप से मिलना जारी हो जाएगा । जिला शाखा अध्यक्ष डी के सिंगौर ने बताया कि परिवर्तित वेतन व्यवस्था में अभी कई पेंच हैं। एक तो आधे से अधिक अध्यापकों के अभी तक एंप्लॉयी कोड ही जारी नहीं हुए हैं । एंप्लॉयी कोड जारी करने के लिए आहरण संवितरण अधिकारी से एम पी टास पोर्टल के जरिए अध्यापकों के मोबाइल नम्बर, बेंक अकाउंट नम्बर, ई मेल आईडी वेरिफाइ करने को कहा गया था।
निवास ब्लॉक में तो टोटल यह प्रक्रिया की ही नहीं गई। रानी अवन्ती बाई संकुल में भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया । अब जिन अध्यापकों की जानकारी एंप्लॉयी कोड के लिए भेजी ही नहीं गई तो कब एंप्लॉयी कोड जारी होंगे और कब वेतन आहरित होगा समझा जा सकता है । प्रतिनियुक्ति में गये अध्यापकों के एंप्लॉयी कोड जारी नहीं हुए हैं जबकि उनके डाटा एम पी टास से वेरिफाइ हुए हैं । प्रतिनियुक्ति वाले अध्यापकों की समस्या प्रान के कारण आ रही है । इनके प्रान ट्रायबल से लिंक नहीं हैं । इन्हे एजुकेशन विभाग से लेकर जारी किये जाएंगे । इधर जिनके एंप्लॉयी कोड जारी हो गये हैं उनके भी वेतन आहरण में समस्या आ रही है । नईं व्यवस्था से वेतन देने के लिए जो हेड बनाए गये है उनमें बजट ही नहीं है कहा यह जा रहा है कि इन लेखा शीर्षों को नॉन प्लान की जगह प्लान में ही रखा गया है क्योंकि अब नॉन प्लान में ग्रेड पे समाप्त कर दिया गया है और अध्यापकों को अभी भी ग्रेड पे मिल रहा है।
विभाग का कहना है कि अभी अध्यापकों के एंप्लॉयी कोड में छठवें वेतनमान का ही विकल्प रखा गया है जल्दी ही सातवें वेतनमान को जोड़ दिया जायेगा और हेड को नॉन प्लान में शामिल कर लिया जाएगा। जिला शाखा अध्यक्ष ने बताया कि आई एफ एम एस से सेलरी जनरेट करने में भी समस्या आ सकती है सेलरी एम पी टास में की गई फीडिंग के आधार पर स्वतः जनरेट होगी जो की वास्तविक से कम ज्यादा भी हो सकती है ।विभाग आई एफ एम एस से ही वेतन देने की जिद में है । यद्दपि यह सारी कवायद अध्यापकों के हित में है पर तत्कालिक रूप से वेतन के अभाव में अध्यापकों के सामने विकट समस्या खड़ी हो गई है। विभाग को वेतन आहरण सुनिश्चित करना चाहिए।