जबलपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री सुरेन्द्र पटवा भी डिग्री विवाद में उलझ गए हैं। 1983 में वो ग्रेजुएट थे जबकि 1984 में वो पोस्ट ग्रेजुएट हो गए। लोग यह जानना चाहते हैं कि वो कौन सी यूनिवर्सिटी है जहां से सुरेंद्र पटवा ने स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम पास किया है। मामला हाईकोर्ट तक चला गया है।
पटवा सहित रिटर्निंग ऑफिसर को भी नोटिस जारी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोजपुर के भाजपा विधायक सुरेन्द्र पटवा, चुनाव आयोग और भोजपुर के रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने अनावेदकों को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। भोजपुर विधानसभा से कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी सुरेश पचौरी की ओर से दायर चुनाव याचिका में कहा गया कि भाजपा विधायक सुरेन्द्र पटवा ने शपथ-पत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी दी है। याचिका में कहा गया कि पिछले विधानसभा चुनाव में श्री पटवा ने 1983 में स्नातक होने की जानकारी दी है। इस बार शपथ-पत्र में वर्ष 1984 में स्नातकोत्तर होने की जानकारी दी है।
मतगणना में अंतर फिर भी रिटर्निंग अधिकारी चुप रहे
याचिका में कहा गया कि कोई व्यक्ति एक साल में स्नातकोत्तर डिग्री कैसे हासिल कर सकता है। याचिका में कहा गया कि शपथ-पत्र में बैंक की बकाया राशि के बारे में भी गलत जानकारी दी गई है। कई मतदान केन्द्रों में ईवीएम और वीवीपैट की मतगणना में अंतर पाया गया, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की गई।
फर्जी वोटिंग बयान का वीडियो भी पेश किया
याचिका के साथ एक वीडियो भी पेश किया गया है कि जिसमें भाजपा प्रत्याशी अपने लोगों से 10-10 वोट डालने की बात कह रहे है। अधिवक्ता अमित सिंह और अतुल जैन की दलीलें सुनने के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।