भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि बदलाव का नारा देकर सत्ता में आई कमलनाथ सरकार के पास प्रदेश के विकास के लिए न तो कोई दृष्टि है, न कोई योजना है। यह सरकार बदलाव के नाम पर सिर्फ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले कर रही है और अराजकता की इसी स्थिति को प्रदेश में बदलाव के रूप में देख रही है।
सरकार सिर्फ ट्रांसफर उद्योग चलाने में व्यस्त
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पांच माह सिर्फ ट्रांसफर उद्योग चलाने में ही व्यस्त है। प्रदेश की जनता परेशान है और कानून व्यवस्था चरमरा गयी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पद संभालते ही 60 दिनों में 1300 से अधिक पुलिसकर्मियों के तबादले कर दिए, जिसके कारण कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी। सिर्फ दो माह में प्रदेश में 12000 से अधिक अपराध दर्ज हुए। हत्या के मामले में 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई, वहीं महिला अपराधों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि तबादला उद्योग से कानून व्यवस्था का सिस्टम गड़बड़ा गया है। गृहमंत्री बाला बच्चन के गृह जिले में सरकार एक एसडीओपी के 4 से 5 बार तबादले कर देती है। यह प्रदेश सरकार की नीति और नियत पर प्रश्न चिन्ह खडा करती है।
प्रदेश सरकार पैसा लाओ, आदेश ले जाओ की नीति पर काम कर रही
डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चुनाव के पहले मात्र 55 दिनों में 1000 से अधिक अधिकारियों के तबादले किए। यहां तक की आचार संहिता लगने के कुछ मिनट पहले तक कमलनाथ सरकार सिर्फ ट्रांसफर लिस्ट जारी करने में लगी रही। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के बाद कमलनाथ सरकार के ट्रांसफर उद्योग पर रोक लगी लेकिन जैसे ही आचार संहिता हटी दूसरे ही दिन कमलनाथ सरकार फिर से तबादला उद्योग चलाने में सक्रिय हो गयी है। आचार संहिता हटने के बाद चार दर्जन से अधिक अधिकारियों के तबादले कर दिए गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पैसे लाओ, आदेश ले जाओ की नीति पर काम कर रही है। और यही कारण है कि सोमवार को अधिकारियों की लंबी लिस्ट जारी की और मंगलवार को दो अधिकारियों के संशोधित आदेश निकाल दिए।
अपने चहेतों की जेबें भरने के लिए तबादला उद्योग चला रही सरकार
डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने चुनाव के पहले ट्रांसफर उद्योग चलाया और उससे कमाई करके अपने आलाकमान तक पहुंचाने का काम किया। अलग-अलग विभाग से अलग-अलग टारगेट तय किए गए। जिसके खुलासे अब मीडिया रिपोर्टस में आने लगे है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के बाद कमलनाथ फिर से ट्रांसफर उद्योग चलाकर अपने टारगेट पूरे करने में लगे हुए है। एक तरफ कमलनाथ सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए प्रदेश की आर्थिक स्थिति का रोना रोती है, दूसरी तरह शासकीय स्तर पर तबादले करके सरकारी खजाने पर करोड़ों रुपए का भार डाल रही है। सरकार के मंत्री अपनी और अपने चहेतों की जेबें भरने के लिए तबादला उद्योग चला रहे हैं।