जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षकों को 30 वर्ष में मिलने वाली तीसरी क्रमोन्नति का लाभ देने के निर्देश के साथ याचिकाओं का पटाक्षेप कर दिया। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने आदेशित किया कि पदोन्नति को अस्वीकार करने वाले कर्मचारियों को क्रमोन्नति का लाभ दिया जाए।
इस दौरान याचिकाकर्ता पीएसएम जबलपुर में कार्यरत व्याख्याता ज्योति तारे, शासकीय स्कूल ठक्करग्राम में कार्यरत हेडमास्टर सुधा तिवारी, शासकीय स्कूल बेलबाग में कार्यरत शिक्षक अनीता सोनी व मनोज कुमार पटैल की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्घ पाण्डेय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि कुछ वर्ष पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ताओं की पदोन्नति का आदेश जारी किया गया था। पदोन्नति के साथ स्थानांतरण की शर्त लागू थी। पारिवारिक समस्याओं के कारण याचिकाकर्ताओं ने पदोन्नति का परित्याग कर दिया।
लिहाजा, पदोन्नति त्यागने के एवज में विधिवत आदेश जारी करके 30 वर्ष की सेवा में प्राप्त होने वाली तीसरी क्रमोन्नति का लाभ प्रदान करने की व्यवस्था दी। इसके बावजूद अब तक तीसरी क्रमोन्नति नदारद है। इसी रवैये के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली गई है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद याचिकाकर्ताओं के हक में आदेश पारित कर दिया।