जोधपुर। भारतीय सेना का मानना है कि चंपी से दुख कम होने के बजाय बढ़ रहे हैं। ऐसे में सेना ने अपने सभी जवानों से बाल कटाने के दौरान की जाने वाली चंपी से परहेज करने को कहा है।सामान्य तौर पर देखा गया है कि बाल कटाने के बाद सिर में चंपी कराने का एक ट्रेंड सा है। इस चंपी के दौरान चेहरा पकड़ कर गर्दन को दाएं-बाएं झटका देकर घुमाया जाता है। सेना में भी बाल काटने के दौरान ऐसा किया जाता है। लेकिन, अब अनाड़ी हाथों से चंपी के बाद दिए जाने वाले झटकों से कई लोगों की गर्दन में दर्द रहने की शिकायतें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि सेना में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इनमें कई लोगों के गर्दन की हड्डी में छोटे क्रेक हो गए। वहीं कुछ मामलों में स्थिति बिगड़ने पर लोगों को आईसीयू तक में भर्ती कराना पड़ा है।
ऐसे मामलों में ऑपरेशन करने की भी आवश्यकता पड़ रही है। इन कारणों से सैनिकों की फिटनेस प्रभावित हो रही है। सेना के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि गर्दन को जोर से झटका देने के दौरान इसकी मुख्य हड्डी के जोड़ प्रभावित होने का खतरा रहता है। साथ ही, जोड़ के आसपास स्थित मसल्स भी कमजोर हो रही है। इस कारण सर्वाइकल और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं, उम्र बढ़ने के साथ ही कुछ मामलों में इससे जुड़ी बीमारियां सामने आ रही हैं।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सेना ने अपने सभी जवानों व अधिकारियों से बाल कटाने के दौरान किसी प्रकार की चंपी, तेल मालिश या गर्दन के झटके से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है। साथ ही, सेना विभिन्न प्रचार माध्यमों व सैनिकों के वेलफोयर समारोहों के दौरान सभी को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देगी। ताकि सभी सैनिक भविष्य में इन चीजों को न आजमाए।