नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद केवल राहुल गांधी (RAHUL GANDHI) ही नहीं प्रियंका गांधी (PRYANKA GANDHI) भी वरिष्ठ नेताओं से बेहद नाराज हैं। CWC मीटिंग में हुए सनसनीखेज घटनाक्रम की बातें अब बाहर निकलकर आने लगीं हैं। इस बैठक में जहां राहुल गांधी ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से पहले अपने पुत्रों के हित को देखा वहीं प्रियंका गांधी ने काफी तल्ख लहजे में कहा कि कांग्रेस के हत्यारे इसी कमरे में बैठे हैं।
पूरा गांधी परिवार वरिष्ठ नेताओं से नाराज है
न्यूज एजेंसी यूएनआई को सूत्र ने बताया कि गांधी परिवार ने इस बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा राहुल को जरूरी समर्थन ना देने पर नाराजगी जाहिर की थी। परिवार की नाराजगी स्पष्ट थी, क्योंकि सोनिया भी पूरी बैठक के दौरान नहीं बोलीं और यह जाहिर किया कि उन्हें भी अपने विश्वस्त साथियों से निराशा हासिल हुई।
इस्तीफे पर विचार के लिए राहुल को एक महीने का वक्त मिले: प्रियंका
सूत्र के मुताबिक, प्रियंका ही पहली नेता थीं, जिन्होंने यह सुझाव दिया कि राहुल को अपने इस्तीफे पर विचार के लिए एक महीने का समय दिया जाए। कांग्रेस नेताओं के साथ अपनी बातचीत में भी प्रियंका और राहुल ने कई नेताओं की कार्यप्रणाली को सही नहीं ठहराया। गांधी परिवार की नाराजगी का कारण कांग्रेस के मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम थे।
राहुल ने कहा था: नेताओं ने अपने हितों को पार्टी से ऊपर रखा
सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कुछ नेताओं द्वारा अपने बेटों को टिकट देने के लिए अड़ने पर नाराजगी जाहिर की थी। राहुल ने साफतौर पर कहा था कि इन नेताओं ने अपने हितों के लिए पार्टी के हित को दरकिनार कर दिया। नाराज राहुल ने कहा था कि लोकसभा चुनाव की हार पर अध्यक्ष होने के नाते उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।
बैठक में चिदंबरम और गहलोत चुप रहे, कमलनाथ आए ही नहीं
सूत्र के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम चुपचाप थे। वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बैठक में शामिल नहीं हुए। कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ मप्र की छिंदवाड़ा और चिदंबरम के बेटे कार्ति तमिलनाडु की शिवगंगा सीट से लोकसभा चुनाव जीते। वहीं, अशोक गहलोत के बेटे वैभव जोधपुर सीट से चुनाव हार गए।