भोपाल। भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और विवादित बयान एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। चुनाव अयोग ने आपत्तिजनक बयान के कारण उनके चुनाव प्रचार पर 3 दिन का प्रतिबंध लगाया था। प्रतिबंध खत्म होते ही उन्होंने नोटिस देने वाले चुनाव अधिकारियों को या शिकायत करने वालों को धमकी दे डाली।
चुनाव आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर को 2 नोटिस दिए हैं। आरोप है कि बैन के दौरान उन्होंने मंदिरों में प्रचार किया और पर्चे बांटे। बैन खत्म होते ही जब उनसे इन नोटिसों के बारे में सवाल किया गया तो साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि वो एक संन्यासी है और उनके जीवन का आधार मंदिर, पूजा पाठ ही है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उनको मंदिर से रोकने वाले अपने जीवन के बारे में सोचे।
मामला क्या है
चुनाव आयोग को शिकायत प्राप्त हुई है कि प्रतिबंध के 3 दिनों में भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के लिए मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित किए। इसकी पूर्व सूचना लोगों को दी गई। सोशल मीडिया पर भी लोगों को आमंत्रित करने वाले संदेश वायरल किए गए। मंदिर में प्रज्ञा ठाकुर के साथ भाजपा नेता भी उपस्थित रहे। एक अन्य शिकायत में बताया गया कि चुनाव आयोग ने प्रज्ञा के बयान पर प्रतिबंध लगाया तो उन्होंने पर्चे छपवाकर वितरित करवाए। आयोग ने नोटिस देकर जवाब मांगा है।