नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तरप्रदेश के बलिया और बक्सर में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी जातिवाद की राजनीति नहीं की। चुनाव में कभी जाति का सहारा नहीं लिया। पैदा भले ही अति पिछड़ी जाति में हुआ, लेकिन लक्ष्य हिन्दुस्तान को दुनिया में अगड़ा बनाने का है। जितने साल बुआ और बबुआ मुख्यमंत्री रहे उतने साल अकेला गुजरात का सीएम रहा हूं।
मोदी ने कहा, ''मैं समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त करने में जुटा हूं। महामिलावट वाले मोदी की जाति पूछ रहे हैं। मैंने अनेक चुनाव लड़े और लड़ाए हैं, लेकिन कभी अपनी जाति का सहारा नहीं लिया। मेरे दिमाग में जाति नहीं है। घर, गैस का चूल्हा और शौचालय भी जाति पूछकर नहीं दिया। इसलिए वोट भी जाति के नाम पर नहीं, देश के लिए मांगता हूं।''
मैंने गरीबी के खिलाफ बगावत की
मोदी ने कहा, ''मैं नहीं चाहता हूं कि आपकी संतान पिछड़ी जिंदगी जीने को मजबूर हों। उन्हें पिछड़ापन और गरीबी विरासत में मिले। मैंने बहुत पहले गरीब का दर्द सहा है। गरीबी से लड़ते-लड़ते इसके खिलाफ बागी हो गया हूं। मैंने मां को बचपन में रसोई में धुएं से जूझते देखा। गरीब की छतों को टपकते देखा। महामिलावटियों ने आपको लूटकर रिश्तेदारों के लिए बंगले और महल बनाए। बेनामी संपत्ति का अंबार लगाया। आज इसका पूरा हिसाब एजेंसियां ले रही हैं।''
महामिलाटव वालों का सपना चूर-चूर हुआ
नरेंद्र मोदी ने सासाराम में रैली के दौरान कहा, "बिहार ने देश को हमेशा दिशा दी है। दल अलग रहे, लेकिन लोकतंत्र की आत्मा को बचाने के लिए सभी एकजुट रहे। दुर्भाग्य देखिए इसी बिहार का कुछ लोगों ने अपने भ्रष्टाचार के लिए अपने स्वार्थ के लिए जमकर फायदा उठाया। आज वे लोग सुबह-शाम मुझे गालियां दे रहे हैं। ये गालियां इसलिए निकल रही हैं, क्योंकि बिहार में लोगों ने इनका सफाया कर दिया है।'