नई दिल्ली। गांधी परिवार के गढ़ अमेठी से राहुल गांधी को चुनाव हराने के बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा कि कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता। बता दें कि अमेठी लोकसभा सीट का यह रिकॉर्ड रहा है कि आज तक गांधी परिवार का कोई भी नेता अमेठी सीट पर हारा नहीं है और इस बार रिकॉर्ड टूट गया।
अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खड़े हुए थे, वहीं इसका सामना भाजपा की काफी पसंदीदा नेता स्मृति ईरानी से था। अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha Seat) के साथ कांग्रेस (Congress) का अतीत सुनहरा रहा है और यह सिलसिला 1967 से शुरू हुआ था जब कांग्रेस (Congress) के विध्याधर वाजपेयी ने अमेठी में पार्टी की जीत की नींव रखी थी। 1967-71 और 1971-77 तक विध्याधर वाजपेयी अमेठी के सांसद बने रहे। 1977-80 तक जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह अमेठी के सांसद बने रहे।
अमेठी की बागडोर असली रूप से गांधी परिवार के हाथ आई जब 1980 में संजय गांधी कांग्रेस की ओर से सांसद चुने गए लेकिन दुर्भाग्यवश संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत के बाद यह जिम्मा गांधी परिवार के ही राजीव गांधी को दिया गया। राजीव गांधी 1981 से लेकर 1991 तक अमेठी सीट के सांसद बने रहे।
बम धमाके में राजीव गांधी के निधन के बाद यह जिम्मेदारी कांग्रेस के सतीश शर्मा को सौंपी गई, सतीश शर्मा ने अमेठी सीट की बागडोर 1991 से लेकर 1998 तक संभाली और 1998 में भाजपा के संजय सिन्हा ने सतीश शर्मा को अमेठी लोकसभा चुनाव में शिकस्त दी। यह कार्यकाल बहुत लंबा नहीं जा सका और 1999 में राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी ने संजय सिन्हा को चुनाव में हराया और 1999-2004 तक अमेठी की सांसद बनी रही।
इसके बाद 2004 से अबतक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी के सांसद बने हुए थे। कुल मिलाकर अबतक कांग्रेस का कोई भी नेता अमेठी सीट से हारा नहीं था। राहुल गांधी, इस परिवार के पहले सदस्य हैं जो इस सीट से चुनाव हार रहे हैं।