ग्वालियर। जीआरएमसी (GRMC) सहित प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज से पीएचडी कर सकते हैं। एक विषय में 3 मेडिकल स्टूडेंट्स पीएचडी कोर्स कर सकेंगे। पीएचडी कोर्स सरकारी कॉलेजों में ही नहीं प्राइवेट मेडिकल कॉलेज (Medical college) में भी शुरू होगा। यह निर्णय जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी की हाल ही में हुई कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया।
जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. RS SHARMA ने बताया कि सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हर विषय में पीएचडी के लिए 3-3 सीटें रहेंगी। इसमें यह नहीं देखा जाएगा कि विभाग में कितने प्रोफेसर हैं। पीएचडी कराने वाले गाइड की योग्यता का आधार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मापदंडों के अनुरूप रहेगा। पीएचडी कोर्स में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा में मैरिट तैयार की जाएगी। उसी के हिसाब से मेडिकल स्टूडेंट्स को पीएचडी करने की अनुमति दी जाएगी। मैरिट के हिसाब से मेडिकल स्टूडेंट्स का चयन होने से चयन प्रक्रिया निष्पक्ष रहेगी।
जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि एलोपैथी, डेंटल, आयुर्वेद व नर्सिंग के विषयों में पीएचडी होगी। इसके लिए 15 मई तक आवेदन कर सकते हैं। पीएचडी के लिए एंट्रेंस परीक्षा जून में आयोजित होगी। एंट्रेंस परीक्षा पास होने वाले डॉक्टर्स और नर्सेस के इंटरव्यू होंगे। इसके बाद छात्रों को कोर्स वर्क करना होगा। तदुपरांत यूनिवर्सिटी छात्रों काे विषय से संबंधित गाइड देगी।
परिषद की बैठक में एमडीएस के उन स्टूडेंट्स का मामला भी सामने आया, जिन्हें कॉलेजों ने सीधे प्रवेश दे दिया था, जिसके बाद उन्हें बाहर कर दिया था। ये स्टूडेंट्स कोर्ट के आदेश पर पुन: अध्ययन कर रहे हैं बैठक में तय किया गया कि इन स्टूडेंट्स को सशर्त परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए और इन्हें स्पष्ट बता दिया जाए कि कोर्ट का फैसला यदि इनके खिलाफ आता है तो उनकी डिग्री स्वयं समाप्त हो जाएगी।