सीधी। जिला चिकित्सालय (HOSPITAL) मे आए दिन नर्सों को लेकर नए नए मामले आते रहते हैं। कल रात 11:00 बजे भी एक ऐसा ही मामला आया। आरोप है कि कमीशन के चक्कर में गर्भवती महिला (Pregnant women) को जिला अस्पताल की नर्सों (Hospital nurses) ने धक्का मार कर बाहर कर दिया।
शिकायत में बताया गया है की घरभरा निवासी गर्भवती आरती साकेत (Aarti Saket) पति भगवानदीन साकेत (Bhagwadin Saket) को जिला अस्पताल में भर्ती थी। कल कमीशन के लिए पैसा ना होना जान की मुसीबत बन गया। एक दिन पहले ही 10:00 बजे महिला को एडमिट किया गया था। शाम 5:00 बजे के आसपास महिला के परिजनों को बताया गया कि ब्लड की कमी है। तब पीड़ित गर्भवती महिला के परिजन 2 घंटे में ब्लड की व्यवस्था किए। 7:00 बजे महिला को ब्लेड चढ़ाया जाना था। ब्लड रहकर भी महिला को ब्लड चढ़ाने की जगह में अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
कहा जा रहा है कि गर्भवती महिला के परिजनों की और वहां पर मौजूद स्टाफ नर्स के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। नर्स ने आनन-फानन में पीड़ित महिला के ससुर से बिना बताए अंगूठा लगवा कर महिला को रीवा के लिए रेफर का कागज बना दिया। मौजूद स्टाफ नर्स बोली की अब हम कुछ नहीं कर सकते आप को जो करना है करते रहो और अगर ज्यादा कुछ करोगे हम यहां चिल्ला देंगे और आपको छेड़छाड़ एवं सरकारी काम बाधा उत्पन्न करने के कैसे आपको अंदर करवा देंगे आप की जमानत नहीं होगी।
तब उसका डरा सहमा 75 वर्षीय ससुर एवं महिला के देवर ने मीडिया कर्मियों को एवं सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह (Direct Collector Abhishek Singh) फोन करके मदद की गुहार लगाई। मदद नहीं मिली तो पीड़ित महिला के ससुर एवं कुछ रिश्तेदार आए और जिला चिकित्सालय सीधी से लेकर मिश्रा नर्सिंग होम तक उसको पैदल लेकर गए उसको वाहन तक नहीं नसीब हुआ। वहीं इस नर्सिंग होम में पीड़ित महिला एडमिट होने के 10 मिनट के बाद एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
डिप्टी कलेक्टर के आने की खबर सुनकर महिला डॉक्टर अस्पताल पहुंची
बताया गया यहां कोई भी महिला डॉक्टर दिन भर से नहीं आई थी। नर्सों के भरोसे ही गर्भवती महिलाएं रहती है। परिजनों द्वारा सीधी कलेक्टर अभिषेक सिंह को फोन द्वारा जानकारी दी गई जहां डिप्टी कलेक्टर मौके पर पहुंचे एवं जिस महिला को सीरियस बता कर अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया था वही महिला 10 मिनट में एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। अब देखना यह होगा कि अस्पताल प्रबंधक इस नर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है या फिर लीपापोती कर के मामले को दबा देता है।