उज्जैन। यह किसी गिरोह का काम है या पॉलिटिकल अटैक था यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा परंतु यह पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि कांग्रेस विधायक महेश परमार की जान बच गई। यदि अपराधी चाहते तो कुछ भी कर सकते थे। शायद यह उज्जैन में माफियाराज का ऐलान है या फिर कांग्रेस विधायक की पार्टीबंदी का परिणाम।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के उज्जैन में बुधवार रात तराना से कांग्रेस के विधायक महेश परमार सुवा गांव में एक कार्यकर्ता की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए गए थे। शादी समारोह से उज्जैन की ओर लौटते समय सुआ पुलिया पर दो अलग-अलग बाइक पर आए अज्ञात लोगों ने पुलिया पर विधायक की गाड़ी को रोक लिया और पत्थर और डंडों से गाड़ी पर हमला कर दिया, जिससे विधायक की गाड़ी के कांच फूट गए। इसके बाद वो अंधेरे में गायब हो गए। शायद वो विधायक को धमकाने के लिए ही आए थे। यह बताने कि कभी भी उन्हे मौत के घाट उतारा जा सकता है। विधायक के गनमैन ने मामला दर्ज कराया है। पुलिस जांच कर रही है।
हमले के बाद विधायक महेश परमार ने बताया कि ‘वह कौन लोग थे मैं नहीं जानता ना और ना ही मेरी किसी से दुश्मनी है, लेकिन संभवत राजनीतिक रिश्ता के चलते मुझ पर हमला किया गया हो। हालांकि यह जांच का विषय है’। वहीं पाट पाला पुलिस चौकी पर विधायक परमार के गनमैन की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस के आला अधिकारियों ने अज्ञात हमलावरों की सर्चिंग शुरू कर दी है।