भोपाल। उत्तरप्रदेश का एक 12वीं पास ठग भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में डॉक्टर बनकर घूम रहा था। वो अस्पताल के मरीजों से मिल रहा था। इन्हीं पीड़ितों में अपने शिकार की तलाश कर लेता था। पुलिस ने उसे उस समय पकड़ा जब वो अस्पताल के भीतर आंकाेलाॅजी डिपार्टमेंट में टीकमगढ़ के 2 लड़कों को अपने जाल में फंसाकर शिकार कर रहा था। उल्लेखनीय है कि ठग ने जिस लड़की को अपनी मंगेतर बताया है वो भी सोशल मीडिया पर खुद को डॉक्टर बताती है। वो सच में डॉक्टर है या नहीं, यह तो जांच के बाद पता चलेगा परंतु मियांजी फर्जी डॉक्टर हैं यह प्रमाणित हो चुका है।
टीआई बागसेवनिया उमराव सिंह ने बताया कि आराेपी आनंद मिश्रा मूलत: गाेंडा उप्र का रहने वाला है। 12वीं पास आनंद खुद काे एम्स में रेजिडेंट डाॅक्टर बताता था। उसने खरगापुर, टीकमगढ़ निवासी 2 भाइयाें दीपक जैन और विकास जैन काे एम्स में नाैकरी लगवाने का झांसा दिया था। वह दोनों भाइयों से एक लाख 20 हजार रुपए ले चुका था। आनंद के पास से 10 से ज्यादा फर्जी अपाॅइंटमेंट लेटर, डाॅक्टर्स के लेटर हेड और फर्जी सील समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस आराेपी से पूछताछ कर यह पता लगा रही है कि उसने और कितने लाेगाें से धाेखाधड़ी की है।
इलाज के लिए आने वाले मरीजों की मदद के लिए उनसे संपर्क करता :
आनंद करीब दाे महीने से सफेद एप्रिन पहनकर और गले में स्टेथेस्काेप डालकर घूमता रहता था। इस दाैरान वह इलाज के लिए आने वाले लाेगाें की मदद के बहाने उनसे संपर्क बनाता था। दीपक और विकास की आनंद से मुलाकात तब हुई जब वे कैंसर से पीड़ित मां काे इलाज के लिए एम्स लेकर पहुंचे थे। इलाज के दौरान 8 मार्च काे मां की माैत हाे गई थी। तब आनंद दीपक के घर खरगापुर भी पहुंचा था।
नाैकरी लगवाने का दिया था झांसा :
दीपक इब्राहिमपुरा में रहता है और प्राइवेट बैंक में नाैकरी करता है। आनंद ने दीपक और विकास काे एम्स में नाैकरी लगवाने का झांसा दिया था। गुरुवार काे उसने इंटरव्यू के लिए दाेनाें काे यहां बुलाया था, इसी दौरान एम्स स्टाफ ने उसे पकड़ लिया।
डांटकर मांगा पानी ताे हुआ संदेह :
एम्स सूत्राें की मानें ताे दाेपहर 12.30 बजे आनंद विकास समेत दूसरे लाेगाें के साथ न्यूराे सर्जरी डिपार्टमेंट पहुंचा। बाद में वह आंकाेलाॅजी डिपार्टमेंट गया। यहां खाली कैबिन में बैठ गया और हाउस कीपिंग स्टाफ काे डांटते हुए पानी लाने काे कहा। सामान्यताैर पर डाॅक्टर ऐसा नहीं करते, इससे स्टाफ काे संदेह हुआ। हाउस कीपिंग स्टाफ ने सूचना नर्सिंग स्टाफ काे दी। तब रेडियाेलाॅजी डिपार्टमेंट के डाॅक्टर काे बुलाया गया। उन्हाेंने आनंद से आई कार्ड दिखाने काे कहा। उसने कार्ड गाड़ी में रखा हाेना बताया। संदेह हाेने पर उसे पुलिस के हवाले किया गया।
साेशल साइट पर दी फर्जी जानकारी :
खुद काे एम्स में रेसीडेंट डाॅक्टर बताया। {नई दिल्ली एम्स में इंस्टीट्यूशनल इथिक्स कमेटी का सदस्य बताया। {इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च में रिसर्च स्काेलर बताया। {एमबीबीएस एम्स भाेपाल से करना बताया है।
आराेपी आनंद 18 से 20 जनवरी 2019 काे एम्स ऋषिकेश में आयाेजित वर्कशाॅप में शामिल हुआ था। उसने डाइस पर खड़े हाेकर फाेटाे भी खिंचवाया। उसने यह फाेटाे साेशल साइट पर शेयर भी किया था। आराेपी आनंद की सगाई 18 अप्रैल काे शिखा शुक्ला नामक युवती से हुई है। शिखा ने अपनी प्राेफाइल में खुद काे एम्स दिल्ली में काम करना लिखा हुआ है।
80 हजार में बना रहा था स्टाेर मैनेजर :
दीपक ने बताया कि उसे 80 हजार में स्टाेर मैनेजर और छाेटे भाई विकास काे निज सचिव बनाने काे कहा था। गुरुवार को ज्वाइनिंग लेटर देने बुलाया था। यहां 15 से ज्यादा लड़के माैजूद थे। लेटर फर्जी लगे ताे स्टाफ से पूछा कि ये काैन से डाॅक्टर हैं। स्टाफ ने पूछताछ की ताे फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। कुछ लाेगाें से दाे लाख रुपए भी लिए हैं।